ये भी पढ़ें- चुनाव से पहले कांग्रेस को जबरदस्त झटका, यह बड़ा मुस्लिम चेहरा हुआ भाजपा में शामिल, दिया बहुत बड़ा बयान संबंधों की दुहाई देने से लेकर अपना-अपना प्रचार- लोकसभा सीट 31 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। उत्तर प्रदेश के हरदोई लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा हैं, जिन्होंने टिकट कटने से नाराज होकर बीजेपी से अपना इस्तीफा देकर सपा का दामन थाम लिया है। भाजपा ने यहां से पूर्व सांसद जय प्रकाश को टिकट दिया है। जाहिर है कि भाजपा के लिए यहाँ अपनी सीट बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है। इस सीट पर 30 वर्षों से जीत की आस में लगातार प्रयास करने के बाद विफल रही कांग्रेस ने इस बार नया दांव लगाया है। कांग्रेस ने पहली बार इस सीट पर ऐनवक्त में किसी दलबदल कर आने वाले को टिकट दिया है। बसपा से विधायक रह चुके वीरेंद्र वर्मा को कांग्रेस ने टिकट देकर नया दांव चला है, हालांकि कांग्रेस के इस दांव से जिला स्तर पर संगठन में आपसी मतभेद से लेकर तरह-तरह की बातें चल रही हैं। फिलहाल संगठन में एकता और एकजुटता कांग्रेस के लिए भी बड़ी चुनौती है।
ये भी पढ़ें- पूर्व कांग्रेसी को सोनिया गांधी के खिलाफ टिकट दिए जाने के बाद भाजपाईयों में जश्न, हुई धमाकेदार घोषणा सपा प्रत्याशी तीसरे व बसपा प्रत्याशी दसरे नंबर पर रहे थे- गत लोकसभा चुनाव में इस सीट से सपा प्रत्याशी पूर्व सांसद ऊषा वर्मा तीसरे नंबर पर और बसपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे। इस बार चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के चलते दोनों दलों की दोस्ती की बड़ी परीक्षा भी है। गठबंधन की ओर से सपा प्रत्याशी ऊषा वर्मा चुनाव मैदान में हैं। भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए इस सीट के मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा भी ऊषा वर्मा के साथ हैं।
ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि चुनाव के बन रहे परिदृश्य में अभी धुंधली दिख रही तस्वीर के साफ होने में ज्यादा समय नहीं लगने वाला है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव प्रचार और तेजी पकड़ेगा, तो मतदाताओं का रुझान भी समझ आने लगेगा और 29 अप्रैल को होने वाले मतदान में मतदाता तस्वीर और तकदीर दोनों ही तय कर देंगे।