मामला बिलग्राम के ऊपर कोट प्राथमिक विद्यालय का है। यहां सुबह 7 बजे बच्चों की पहली क्लास शुरू होती है। लेकिन स्कूल के समय कोई अध्यापक नहीं आया था। न ही क्लास का ताला खुला था। बच्चे अध्यापक का इंतजार तो कर ही रहे थे साथ ही कक्षा खुलने का इंतजार भी कर रहे थे। अध्यापकों के आ जाने के बाद से स्कूल खुला, तो अदर गंदगी का अंबार लगा पड़ा था। सफाईकर्मी हड़ताल के चलते काम पर नहीं आए। इसलिए अध्यापकों ने बच्चों से ही सफाई करवा डाली और पानी भरवाया।
इस वजह से करवाई साफ सफाई अध्यापकों का कहना है कि जब सफाई के लिए जब कर्मचारी नहीं आए, तो बच्चों से ही सफाई करवानी पड़ी। अब यहीं बैठना है और पढ़ना है, तो ऐसे में खुद ही सफाई करनी पड़ेगी। सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर होने की वजह से बच्चोंसे सफाई करवाना बेहद निंदनीय और लापरवाही की बात है। भले ही केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार सर्व शिक्षा अभियान का नारा बुलंद कर रही है लेकिन सरकारी स्कूलों में इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
क्या कहा भाजपा सांसद ने इस लापरवाही की घटना पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अगर बच्चों से साफ सफाी करावई गयी है, तो ये लापरवाही की बात है। पहले इस बारे में जांच की जाएगी कि स्कूल में उस वक्त प्रधानाचार्य थे कि नहीं। ये जिस किसी की भी लापरवाही होगी, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। भाजपा सांसद अंजू बाला ने कहा कि अगर ये काम अध्यापकों ने बच्चों से करवाया है, तो ये बिलकुल गलत है और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।