कहा जाता है कि हरदोई कलांतर में हिरण्यकश्यप की नगरी थी और इसका नाम हरिद्रोही रहा होगा जो कि बाद में हरदोई पड़ा। पुरातन प्रह्लाद कुंड ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है जो कि वर्षों से कूड़ा करकट और अव्यवस्थाओं में जकड़ गया। जिला प्रशासन ने इस ओर अब बड़ी पहल की है ।
पर्यटन स्थल बनाने के लिए इस तरह बन रही कार्य योजना
विगत 20 सितम्बर सायं जिलाधिकारी पुलकित खरे ने प्रहलाद घाट एवं श्रवण देवी मन्दिर परिसर का निरीक्षण किया। निरीक्षण में प्राचीन स्थल प्रहलाद घाट एवं श्रवण देवी मन्दिर का जीर्णाेद्वार कराने के लिए अधिशासी अधिकारी नगर पालिका हरदोई को निर्देशित किया कि इस स्थल को अध्यात्म एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करें। उन्होंने कहा कि इस परिसर में निरन्तर गायत्री मंत्र की धुने बजेगी, प्रहलाद घाट का सौन्दर्यीकरण कराया जायेगा तथा खाली पड़े स्थान पर औषधि उद्यान विकसित किया जायेगा। जिलाधिकारी ने प्रहलाद घाट एवं श्रवण देवी मन्दिर के परिसर को बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कराने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रहलाद घाट का जीर्णोद्वार कर सौन्दर्यीकरण कराया जायेगा तथा कुण्ड के स्वच्छ जल में रंग बिरंगी मछलियां कलरव करेगी। इस परिसर में बतख एवं खरगोश के लिए आश्रयगृह बनाये जायेंगे। इस परिसर में योग एवं अध्यात्म के लिए भी जगह सुनिश्चित की जायेगी। जिससे आने वाले लोग अध्यात्म एवं योग से जुड़ सके। उन्होंने कहा कि श्रवण देवी मन्दिर एवं प्रहलाद घाट का परिसर रौशनी से जगमगायेगा। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने नगर पालिका हरदोई के अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया कि स्थल का नक्शा एवं किये जाने वाले कार्यों की रूप रेखा तैयार कर इस पर कार्य प्रारम्भ करें। इस मौके पर लेखपाल द्वारा प्रस्तुत नक्शे का अवलोकन करते हुए जिलाधिकारी ने प्रहलाद घाट के प्रांगण को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रहलाद घाट में स्थित कुण्ड एवं प्रांगण का बारीकी से निरीक्षण किया। इस घाट का जीर्णोद्वार एवं सौदर्यीकरण, के साथ ही चारो ओर चहारदीवारी, आने वाले आगंतुको के लिए बेंच, तथा प्रांगण को हरा भरा रखने के लिए क्यारियो को बनाने के साथ ही औषधि उद्यान तथा योग स्थल को विकसित करने के लिए कहा। उन्होने कहा कि हमारा हर संभव प्रयास रहेगा कि प्राचीन स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाये।