हरदोई

सपा-बसपा गठबंधन के लिए नरेश अग्रवाल, तो भाजपा के लिए बागी नेता को रोकना है बड़ी चुनौती

– भाजपा से अंशुल वर्मा को मिले थे करीब 3,60,501 वोट
– मोदी लहर में बसपा प्रत्याशी को हराकर लगभग 81 हजार वोटों से दर्ज की थी जीत.

हरदोईApr 13, 2019 / 09:10 pm

Abhishek Gupta

Anshul Verma Naresh

नवनीत द्विवेदी.
हरदोई. लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी रणभेरी बज रही है और हरदोई सुरक्षित सीट पर चुनावी विजय पताका फहराने के लिए दलों की मुहिम शुरू हो गई है। आंकड़ों के लिहाज से बात करें, तो इस बार भाजपा के सबसे बड़ी टेंशन गठबंधन और मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा की बगावत है। जबकि गठबंधन के लिए भाजपा नेता नरेश अग्रवाल के सियासी किले को ढहाना बड़ी चुनौती है। लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी से हरदोई सीट पर जीत दर्ज करने वाले अंशुल वर्मा पार्टी का टिकट काटे जाने के बाद अब सपा के पाले में बैठे नजर आते हैं और वह भाजपा के लिए बागी हो चुके हैं।
नरेश अग्रवाल लेना चाहते हैं अपमान का बदला-

पिछले चुनाव में सपा प्रत्याशी के लिए पूरे दमखम से प्रचार-प्रसार करने वाले जिले के कद्दावर नेता नरेश अग्रवाल राज्यसभा का टिकट कटने के बाद सपा पर अपमान करने का आरोप लगा भाजपा में चले गए थे। जिले की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले नरेश अग्रवाल भाजपा में हैं। अपमान का बदला सपा को हराकर लेने का आवाहन जनता से कर रहे नरेश अग्रवाल अपने गढ़ हरदोई में खुद काफी सशक्त हैं। सपा-बसपा के लिए भाजपा को रोकने से पहले नरेश अग्रवाल के सियासी अजय किले को ढहाने की बड़ी चुनौती है। जबकि गत लोकसभा चुनावों के आंकड़े और सियासी जादूगरी दल बदल की वजह से उलझी हुई नजर आती है। मोदी लहर में गत चुनाव में करीब 81,000 वोटों से जीत दर्ज करने वाले भाजपा के लिए चुनाव में बसपा प्रत्याशी और सपा प्रत्याशी के प्रदर्शन के साथ भाजपा सांसद अंशुल वर्मा का बागी होकर सपा ज्वाइन करना और उनकी बगावत बड़ी टेंशन बना हुआ है। इसके अलावा भितरघात को लेकर भी भाजपा में थिंकटैंक की परेशानी बढ़ सकती है।
बीजेपी के अंशुल वर्मा को मिले थे करीब 3,60,501 वोट

बसपा के शिवप्रसाद वर्मा को मिले थे 2,79,158 वोट

सपा की उषा वर्मा को मिले थे 2,76,543

कांग्रेस के सर्वेश जनसेवा को मिले थे करीब 23,298 वोट
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