फाइनेंस कंपनियों को भुगतान की वापसी नहीं मिली तो पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर स्नढ्ढक्र के बाद बिलग्राम थाने की टीम ने गहराई से जांच कीऔर सबूत मिलने के बाद तत्कालीन एआरटीओ भगवान प्रसाद को गिरफ्तार किया। मामले में हरदोई और नागालैंड के आरटीओ कार्यालय के कई अधिकारियों और कर्मचारियों की गिरफ्तारी अभी भी होनी है। एआरटीओ हरदोई के कार्यालय में इस गिरफ्तारी के बाद हडक़ंप मचा हुआ है और सभी फाइलें सुरक्षित करा दी गई है। एआरटीओ भगवान सिंह ने पुलिस के दावे को गलत बताते हुए उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है।
एआरटीओ भगवान सिंह का कहना है कि वे निर्दोष हैं। उधर अलीगढ़ से भी खबर है कि विभागीय लोगों ने एआरटीओ को गिरफ्तार करने से लेकर उन्हें जेल भेजने के मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशाान लगाए है। विभागीय लोगों का कहना है कि पुलिस ने जानबूझकर एआरटीओ को फंसाने का काम किया है अगर पुलिस की जांच निष्पक्ष होती तो कम से कम एआरटीओ को गिरफ्तार करने से पहले विभागीय उच्चाधिकारियों को सूचना दी जाती और विभाग को बिना बताए इस तरह की कार्यवाही से पुलिस सवालों के घेरे मेें है ।
कुछ महीने पहले हरदोई पुलिस ने वाहनों के चेचिस और इंजन नंबर बदल कर एआरटीओ ऑफिस की मिली भगत से कंपनियों से फाइनेंस कराने वाले गिरोह का भंडाफोड किया था । पुलिस के अनुसार मामले में एआरटीओ आफिस के बाबू संलिप्त पाए गए थे ये लोग बहुत शातिर तरह से फर्जी कागज बनवाकर फाइनेंस कंपनी से बडे वाहनों पर लोन कराते थे । दरअसल मामला बिलग्राम का था जहाँ पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की वसहर पुरवा मार्ग पर एक संदिग्ध डीसीएम खडी है पुलिस ने मौके पर पहुच कर पूछताछ की जांच के बाद पता चला की यह एक गिरोह है जो फर्जी तौर पर कंपनियों से फाइनेंस करा कर पैसे वसूलता है पुलिस ने इस मामले में 2 लोगो पंकज और विवेक को गिरफ्तार कर लिया थाऔर उनकी निशानदेही पर एक ट्रक और डी सी एम् भी वरामद कर लिया था । इसी मामले की विवेचना कर रही पुृलिस ने हरदोई में तैनात रह चुके एआरटीओ भगवान सिंह को गिरफ्तार किया । जिससे विभाग में हडकंप मचा हुआ है ।