हरदोई में रहने के दौरान जितेन्द्र कुमार की पत्नी भी गांधी भवन में प्रार्थना सभा में शामिल हुआ करती थी । उनका भी हरदोई से गहरा जुड़ाव हो गया है। यहां से तबादला होने के बाद भी वे अक्सर यहां की बात करते हुए गांधी भवन के केयर टेकर और समिति से जुड़े लोगों से बात करते रहते हैं। जब कभी छुट्टी मिलती तो आते भी रहते हैं। इस बीच करीब ३ वर्षों बाद जब उनके बेटे पंकज कुमार अपनी पत्नी व बच्चे के साथ भारत लौटे तो उन्होंने सबसे पहले अपने पिता से हरदोई के गांधी भवन पहुंच कर बापू के प्रार्थना सभा कक्ष के दर्शन करने की इच्छा व्यक्त की। जिसके बाद जितेन्द्र कुमार एवं उनके बेटे पंकज कुमार व परिवारी जन गत दिन हरदोई पहुंचे और काफी समय तक गांधी भवन में रूककर बापू को भाव भीनी श्रद्धांजलि दी और पुष्प अर्पित किए।
पंकज कुमार व उनकी पत्नी ने बताया कि पापा मम्मी से अक्सर यहां के गांधी भवन के बारे में बात हुआ करती है इस लिए यहां आकर बापू के प्रार्थना सभा कक्ष में कुछ समय बैठने की प्रबल इच्छा थी जिसको लेकर घर आते ही यहां आएं है । इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि यहां से जुडी यादों के मुताबिक सन 1929 को महात्मा गांधी जी हरदोई आए थे और उन्होंने एक विशाल जनसभा की थी । गांधी भवन शिलापट्ट बापू के हरदोई आगमन की यादें लिए हुए हैं । गांधी जी की जनसभा में विदेशी कपड़ों की होली जलाते हुए स्वदेशी कपड़ों की बिक्री की गई और उस बिक्री से प्राप्त धन को आजादी की लड़ाई के लिए दिया गया इसके साथ ही हरदोई जिले की महिलाओं ने आजादी की लड़ाई के लिए उसी जनसभा में अपने आभूषण भेंट किए थे । यहां बापू के लिए हर रोज प्रार्थना होती है ।