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सच होने जा रहा है IAS शुभ्रा सक्सेना का सपना, अब नहीं करना होगा न्याय के लिए इंतजार

locationहरदोईPublished: Jul 06, 2017 03:21:00 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

सच होने जा रहा है IAS शुभ्रा सक्सेना का सपना, अब नहीं करना होगा न्याय के लिए इंतजार

Shubhra Saxena

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हरदोई. हरदोई की डीएम शुभ्रा सक्सेना द्वारा तैयार किया गया ‘साक्षी’ सम्मन सूचना प्रबंधन ई-सिस्टम को उत्तर प्रदेश प्रदेश शासन से हरी झंडी मिलने के बाद अब इस सिस्टम का अवलोकन इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस करेगे। शनिवार को डीएम अपनी टीम के साथ चीफ जस्टिस से मिलकर साफ्टवेयर को प्रजेंटेशन कराएंगी। डीएम द्वारा तैयार कराए गए इस साफ्टवेयर का उद्देश्य लोगों को त्वरित गति से न्याय दिलाना है ताकि तारीख पर तारीख मिलने की बजाय समय से गवाहों की उपस्थित न्यायालयों में सु़निश्ति हो और गवाहों को समय से सम्मन की तामीली हो जाए। सम्मन साक्षी सॉफ्टवेयर को इस तरह से तैयार किया गया है कि विभिन्न मुकदमों में गवाही के लिए दर्ज लोगोंं को समय से सम्मान प्राप्त हो सके और तारीख पर आ सके। सम्मन तामीली में देरी को रेाकने की दिशा में यह सॉफ्टवेयर तकनीकी रूप से काफी सुधार किया गया है। 


देखें वीडियो- 


डीएम ने बताया कब और क्यों आया साक्षी सम्मन सॉफ्टवेयर तैयार कराने का ख्याल


पत्रिका प्रतिनिधि नवनीत द्विवेदी से बातचीत करते हुए डीएम शुभ्रा सक्सेना ने बताया कि अभियोजन विभाग की बैठकों में अक्सर विभागीय अधिकारियों द्वारा लंबित वादों के निस्तारण में गवाहों की सुस्ती और सम्मन तामीली में देरी होने की जानकारी दी जाती थी जिसको लेकर उनके मन यह आया कि क्यों ने इस तरह की कार्ययोजना बनाई जाए जिससे गवाहों को सम्मन की तामीली समय से हो सके और उनका मुकदमे की तारीख पर समय से आना सुनिश्चित हो सके इसके लिए एनआईसी की टीम के साथ उन्होंने साक्षी सम्मन सॉफ्टवेयर तैयार कराया और जून माह में मुख्य सचिव के समक्ष प्रजंटेशन कराया जिसके बाद उन्होंने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए थे। इस क्रम में अब वह शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष सॉफ्टवेयर का प्रजंटेशन कराएगी और आगे के लिए जो आदेश व निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।

 
तो तारीख पर तारीख नहीं जल्द पूरी हो सकेंगे सुनवाई 

डीएम शुभ्रा सक्सेना ने बताया कि इस साफ्टवेयर में सम्मन एवं साक्षी के पूर्ण विवरण के साथ-साथ मुकदमा अपराध संख्या, थाना, न्यायालय का नाम, वाड संख्या, नियत तारीख, अंतर्गत धारा, पक्षकारों के नाम व साक्षी की तैनाती के जनपद का पूरा विवरण दर्ज किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से मुकदमे का विवरण, डिफॉल्टर श्रेणी के सम्मन (कई बार भेजे जाने वाले), विवेचक अधिकारी एवं चिकित्सक के स्तर पर डिफॉल्टर सम्मनो की अलग-अलग समीक्षा की जा सकती है। 

जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था में अन्य जनपदों में स्थानांतरित हो चुके अथवा आवास करने वाले साक्षियों के सम्मन वारंट जनपद की पुलिस के सम्मन सेल में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा अन्य जनपदों में जाकर तामील कराये जाते हैं, जिससे अधिकांश मामलों में साक्षी को नियत तारीख की सूचना अत्यधिक विलम्ब से मिलने के कारण नियत तारीख पर साक्षी का उपस्थित होना सम्भव नहीं हो पाता। इस कारण कई तारीखों पर साक्षी की उपस्थिति न हो पाने से मुकदमे के निस्तारण में अनावश्यक विलम्ब होता है, इससे दण्ड का प्रतिशत भी कम हो जाता है और न्याय मिलने में भी विलम्ब होता है। इस विलंब को रोकने में सॉफ्टवेयर से मदद मिल सकेगी। 


साक्षी सम्मन सॉफ्टवेेयर में यह है व्यवस्था 


उक्त सॉफ्टवेयर के जरिये दर्ज करते हुए ऐसी व्यवस्था की गई है कि तत्समय ही साक्षी के मोबाइल नम्बर पर एसएमएस, संबंधित थानाध्यक्ष जहां साक्षी तैनात/आवासित है उसके मोबाइल पर एसएमएस, वहां के पुलिस अधीक्षक के ई-मेल पर मेल के साथ ही जिस थाने का अपराध है, वहां के भी थानाध्यक्ष के मोबाइल पर एसएमएस व पुुलिस अधीक्षक के ई-मेल पर मेल पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सॉफ्टवेयर के द्वारा न्यायालय से सम्मन निर्गत होने की तिथि को ही साक्षी को साक्ष्य हेतु नियत तिथि के बारे में जानकारी प्राप्त हो जायेगी और वह संबंधित न्यायालय में उपस्थित होकर अपना साक्ष्य प्रस्तुत कर सकेगा। 

इसके अतिरिक्त संबंधित थानाध्यक्ष एवं पुलिस अधीक्षक को सूचना होने से साक्षी पर सम्मन तमीला हेतु पर्याप्त समय मिल जाएगा और साक्षी भी आसानी से नियत तारीख पर उपस्थित होकर अपना साक्ष्य प्रस्तुत कर सकेगा। जिलाधिकारी हरदोई ने बताया कि इस व्यवस्था से जहां एक तरफ मुकदमे के मुख्य साक्षी-विवेचक अधिकारी व संबंधित चिकित्साधिकारी एवं अन्य साक्षियों का समय से गुणवत्तायुक्त निष्पक्ष साक्ष्य संभव हो सकेगा वहीं दूसरी तरफ साक्ष्य में जानबूझकर विलम्ब किये जाने की स्थिति में कारणों की सम्यक् समीक्षा संभव हो सकेगी। कई बार यह भी देखने में आता है कि साक्ष्य हेतु निर्धारित तिथि व्यतीत हो जाने के बाद विलम्ब से समन प्राप्त होता है, जिससे साक्ष्य में अकारण विलम्ब होता है, इस प्रक्रिया से उक्त समस्या का समाधान हो जायेगा।

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