कानपुर की ओर से ट्रक बालू लादकर हरदोई जा रहा था। मल्लावां कस्बे में मोहिउद्दीनपुर चुंगी नंबर दो के पास ट्रक पहुंचा ही था तभी चालक संतुलन खो बैठा और देखते ही देखते ट्रक हाईवे किनारे बने झोपड़ीनुमा घर पर पलट गया। वहां सो रहे अवधेश उर्फ बल्ला, उसकी पत्नी सुधा, पांच वर्षीय बेटी कोमल उर्फ लल्ला, चार वर्षीय बेटी बुद्धू, 13 वर्षीय पुत्री सुनैना, दामाद करन, उसकी पत्नी हीरो उर्फ अंजू और दो वर्षीय बेटा बिहारी ट्रक के नीचे दब गए। सूचना मिलते ही पुलिस भी पहुंच गई और हाइड्रा व क्रेन मंगवाकर ट्रक उठवाया। नीचे दबे लोगों को बाहर निकालकर एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मल्लावां भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने सभी आठ लोगों को मृत घोषित कर दिया।
हाईड्रा और जेसीबी से हटाया ट्रक
परिवार के सख्श ने बताया कि ट्रक पलटने के बाद बालू ढेर के रूप में बिखर गई। समझ में नहीं आया कि ट्रक को कैसे हटाया जाए। बालू का जो हिस्सा जमीन पर बिखरा पड़ा था उसे हाथों से लोग समेटने लगे। लेकिन उसके नीचे कोई नहीं मिला। हादसे का शिकार लोग ट्रक की बाडी के नीचे ही दबे थे पर लोग उनको निकाल नहीं पा रहे थे। इस बीच पुलिस को सूचना दी गई तो हाईड्रा और जेसीबी मंगाई गई। उसे पहुंचने में करीब आधे घंटे का समय लगा। तब तक लोग बदहवास दिखे। जेसीबी ने ट्रक सीधा किया। इसके बाद बालू हटवाई, तब लोग बाहर निकल सके। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
उजड़ गया पूरा परिवार
अवधेश के परिवार में दो बेटे और दो बेटियां बचीं गृहस्वामी अवधेश उर्फ बल्ला के परिवार में दो बेटे व दो बेटियां इस हादसे के दौरान बच पाईं। अवधेश के परिवार में छह बेटियां और दो बेटे 15 वर्षीय बंटी व 18 वर्षीय कौशल हैं। बेटियों में सुनैना, कोमल, अंजू उर्फ हीरो और बुद्धू की मौत हो गई, जबकि दो बेटियां दामिनी व मोनिका और दोनों बेटे बंटी व कौशल कुछ दूरी पर चाचा के साथ मोबाइल देखने की वजह से बच गईं। हादसे में बचे उसके बेटे बंटी, कौशल, बेटी दामिनी व मोनिका का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं, पुलिस के मुताबिक बिलग्राम के कासूपेट का रहने वाला करन कुछ दिन पहले ही परिवार समेत मल्लावां स्थित ससुराल आया था।
एक ही परिवार के आठ लोगों के शव देख कांप उठा कलेजा
मल्लावां। जब आठ शव मल्लावां आए तो परिजनों व रिश्तेदारों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। करुण कुंदन सुनकर आसपास के लोगों के भी आंसू निकल आए। हर किसी का कलेजा कांप उठा।