जिले में 7 नगर पालिका और ६ नगर पंचायत जिले में सात नगर पालिका में सदर हरदोई, शाहाबाद, पिहानी, संडीला, बिलग्राम, मल्लावां, सांडी है जब कि ६ नगर पंचायतों में पाली, गोपामऊ, कछौना, कुरसठ, माधौगंज, बेनीगंज है। पिछले चुनावों में अधिकांश स्थानों पर स्थानीय नेताओं के समर्थित प्रत्याशी अध्यक्ष बने थे इस बार भी इसी तरह की संभावनाएं है मगर सत्ता दल भाजपा के मिशन नगर निकाय को देखते हुए भाजपा प्रत्याशियों को लेकर दावेदारों की संख्या अत्याधिक होने के साथ ही अन्य दलों से चुनाव के लिए दावेदारी करने वाले और निर्दल दावेदारों के बीच भी चुनाव को लेकर हर बिंदु पर विचार विमर्श होने के संकेत मिल रहे है।
नरेश अग्रवाल की हो सकती है अहम भूमिका वैसे तो नगर निकाय चुनाव स्थानीय स्तर के मुद्दों पर लड़े जाते है और कमोवेश स्थानीय नेता मजबूत कंधों के सहारे विजय पताका फहराते रहे है मगर इस सूबे में भाजपा सरकार है लिहाजा संभावित नतीजों को लेकर अटकलों के बीच ही दलबदल की बात तेज हुई है मगर इसके बाद भी कई सीटों पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद राज्यसभा नरेश अग्रवाल की भूमिका को सियासी पंडित अहम मान रहे है। दरअसल नरेश अग्रवाल पिछले २० वर्षो सत्ता के साथ हरदोई में राजनीति के केन्द्रबिंदु रहे। इस बार वे सत्ता में नहीं है मगर हरदोई सदर सीट सहित कुछ सीटों पर उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है। चुनाव परिणाम कुछ भी मगर कुछ लोग नरेश अग्रवाल की कृपा से सपा में इंट्री के जरिए अध्यक्ष पद पाने की चाहत बनाए हुए है तो वहीं नरेश अग्रवाल से ही जुड़े लोग इस तरह की इंट्री को लेकर बगावत का रूख बना रहे है। कुल मिलाकर चुनावों में नरेश अग्रवाल की भूमिका अहम पड़ाव से जोड से देखा जा रहा है उसके पीछे हरदोई जिले में उनकी ४० वर्षो से अपराजित राजनीति और योगी मोदी लहर में भी चुनाव जीतने को मजबूत किला के रूप में माना जा रहा है।