भाजपा की ओर से कोई स्पष्ठ संकेत मिला है
यह अलग बात है कि इस ओर अभी तक न तो भाजपा की ओर से कोई स्पष्ठ संकेत मिला है न ही नरेश अग्रवाल और नितिन अग्रवाल इस ओर कोई बात कह रहे हैं। अलबत्ता उनके ग्रह नगर हरदोई में जरूर इस ओर न केवल चर्चाएं तेज हो गई है बल्कि लोगों की निगाहें भी इस ओर लगी हुई हैं। दरअसल नरेश अग्रवाल पिछले बीस वर्षों में यूपी की सियासत में एक प्रमुख चेहरा बन चुके हैं। वे यूपी सरकार में कई बार कैबिनेट मिनिस्टर रहने के साथ ही दो बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके है। उनके बेटे विधायक नितिन अग्रवाल भी यूपी सरकार में मिनिस्टर रह चुके हैं। कांग्रेस के बाद खुद की पार्टी लोकतांत्रिक कांग्रेस बनाकर BJP के साथ कार्य कर चुके नरेश अग्रवाल सपा और बसपा में भी रह चुके हैं।
नरेश ने नितिन के साथ BJP ज्वॉइन की थी
अभी करीब 6 माह पूर्व जब सपा ने राज्यसभा के लिए नरेश अग्रवाल का टिकट काट दिया था तो इसे अपना अपमान बताकर नरेश ने नितिन के साथ BJP ज्वॉइन कर ली थी तभी से नितिन और नरेश को लेकर कयास लगते रहे हैं। जब जब मन्त्रिमण्डल के विस्तार की चर्चा हुई तब तब नरेश और नितिन चर्चा में आए मग़र मन्त्रिमण्डल विस्तार नहीं हुआ तो हरदोई में चर्चा भी रुकती चलती रही।
संगठन में मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
एक बार फिर जब मन्त्रिमण्डल विस्तार की चर्चा हुई तो हरदोई में नरेश और नितिन को लेकर लोगों की निगाहें लग गई है। सूत्रों का कहना है कि नरेश अग्रवाल और नितिन अग्रवाल को सरकार या संगठन में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। इस सम्बंध में भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि थोड़ा सा इंतजार कीजिए अभी कुछ कहना ठीक नहीं है।