इस नेचुरोपैथ ने गांधी जी पर उठा दिया बड़ा सवाल, केंद्र सरकार को भेजा पत्र हो रहा वायरल
हरदोई जिले के मूल निवासी प्राकृतिक चिकित्सक नेचुरोपैथ डॉक्टर राजेश मिश्र ने महात्मा गांधी पर दिया बड़ा बयान, देखें वीडियो
Published: 05 Aug 2018, 05:39 PM IST
हरदोई. जिले के मूल निवासी प्राकृतिक चिकित्सक नेचुरोपैथ डॉक्टर राजेश मिश्र ने महात्मा गांधी जी को प्राकृतिक चिकित्सा का जनक कहे जाने संबंधी खबरों पर कड़ा एतराज जताया है। डॉ. मिश्र का कहना है कि गांधीजी प्राकृतिक चिकित्सा के पहले चिकित्सक हो सकते हैं, लेकिन किसी भी दशा में प्राकृतिक चिकित्सा के जनक नहीं हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि गांधी जी को प्राकृतिक चिकित्सा का जनक नहीं माना जा सकता, क्योंकि प्रकृतिक चिकित्सा तो सृष्टि की रचना के साथ ही संसार में आ गई थी। इसलिए मैंने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भेजकर अपनी बात कही है। मेरा मानना है कि प्राकृतिक चिकित्सा की उत्पत्ति सृष्टि की उत्पत्ति के साथ ही हुई थी। जब से सृष्टि की रचना हुई है सबसे प्राकृतिक चिकित्सा संसार में है। ऐसे तमाम उदारहण हमारे वेद-पुराण और धर्मग्रंथों से मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि जो लोग भी सोशल मीडिया का आदि पर इस तरह की पोस्ट डाल रहे हैं, मैं उसका विरोध करता हूं। डॉ. राजेश ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है उसके अनुसार महात्मा गांधी जी प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति प्रभावित हुए अध्ययन किया और उन्होंने फिर संस्था बनाकर प्राकृतिक चिकित्सा शुरू की थी। ऐसे में उन्हें प्राकृतिक चिकित्सा का प्रथम चिकित्सक तो कहा जा सकता है, लेकिन प्राकृतिक चिकित्सा का जनक या जन्मदाता नहीं कहा जाना चाहिए। प्राकृतिक चिकित्सा हमारी आदिकाल की से चली आ रही विधा है, इसको लेकर उन्होंने केंद्रीय मंत्री को पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजा है।
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