ये भी पढ़ें- Hamirpur upchunav: भाजपा की धमाकेदार जीत, पार्टी ने मनाया जश्न, सपा प्रत्याशी ने दी कड़ी टक्कर मंत्रिमंडल में नहीं मिली जगह- डेढ़ साल से भाजपा में कार्य कर रहे नरेश अग्रवाल ने लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए पूरे प्रदेश में जमकर सभाएं की। राज्यसभा चुनावों में भाजपा के संख्याबल के अनुसार एक और सीट जिताने में अहम भूमिका अदा की। सपा से विधायक होते हुए भी उनके बेटे नितिन अग्रवाल राज्यसभा चुनाव में भाजपा के साथ दिखाई दिए थे। ध्यान रहे मार्च 2018 में सपा द्वारा राज्यसभा का टिकट काटे जाने से नाराज नरेश अग्रवाल और उनके बेटे सदर विधायक पूर्व मंत्री नितिन अग्रवाल ने भाजपा का दामन थाम लिया था। तब से नितिन अग्रवाल के योगी मन्त्रिमण्डल में जगह मिलने से लेकर राज्यसभा में जाने की चर्चाएं लगातार होती रहीं, मगर यह महज चर्चाए बनकर ही रह गईं।
ये भी पढ़ें- इस सासंद के पुत्र ने उपचुनाव के लिए दाखिल किया नामांकन, हुई बड़ी घोषणा दलबदल में महारत हासिल- हरदोई जिले में सदर विधानसभा सीट से लगातार 40 वर्षों से विजय हासिल करने वाले नरेश अग्रवाल को दलबदल में महारत हासिल है। वो कहते है कि दल बदलते हैं, लेकिन दिल नहीं बदलते। उनका दिल तो हरदोई की जनता है। मगर इस बार दलबदल कर भाजपा में पहुंचे नरेश अग्रवाल के प्रति भाजपा का दिल कब दरियादिली दिखाएगा, इसको लेकर रहस्य बना हुआ है। फिलहाल एक बार फिर उनके चाहने वालों का दिल राज्यसभा की आस में खुश है, लेकिन भाजपा का दिल तो हाईकमान जाने। ऐसे में बस एक चाहने वाले ने कहा कि कुछ तो सिला मुझे मेरी वफ़ा का मिले … दिल की यह आरजू है कि मुझे कुर्सी वो मिले।