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अखिलेश के लिये छोड़ दिया था शिवपाल का साथ, नाराज नरेश अग्रवाल भाजपा में होंगे शामिल

locationहरदोईPublished: Mar 12, 2018 02:48:01 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन को पार्टी का राज्यसभा प्रत्याशी घोषित नरेश अग्रवाल की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है…

Naresh Agarwal
हरदोई. समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन को पार्टी का राज्यसभा प्रत्याशी घोषित कर नरेश अग्रवाल की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। वहीं भाजपा ने उनके धुर विरोधी हरदोई के ही डॉ. अशोक बाजपेई को राज्यसभा का टिकट देकर नरेश अग्रवाल के जख्मों में नमक छिड़क दिया। सोमवार को सियासी गलियारों में चर्चाएं आम हो गईं कि अब नरेश अग्रवाल जल्द ही समाजवादी पार्टी को बॉय-बॉय कह सकते हैं। सूत्रों की मानें तो नरेश अग्रवाल अखिलेश यादव के इस कदम से नाराज हैं और वह उन्हें सबक सिखाने के लिये भाजपा का दामन थाम सकते हैं। फिलहाल चर्चाएं तेज हैं, लेकिन खबर की पुष्टि नहीं है।
नरेश अग्रवाल समर्थक समझ नहीं पा रहे हैं कि अखिलेश यादव ने आखिर क्यों नरेश अग्रवाल पर सपा को वरीयता दी। हरदोई के नरेश समर्थकों का कहना है कि अखिलेश यादव भूल गये हैं कि ये वही नरेश अग्रवाल हैं, जिन्होंने यादव परिवार की लड़ाई में शिवपाल की दोस्ती भुलाकर अखिलेश यादव का साथ दिया था।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव सांसद राज्यसभा नरेश अग्रवाल की पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव से गाढ़ी दोस्ती रही है। यहां तक कि जब नरेश अग्रवाल सपा में आये थे तो हरदोई की जनसभा में शिवपाल यादव ने कहा था कि नरेश भाई आ गए तो अब हरदोई में सपा मय माहौल हो गया। कई बार मंत्री रहते हुए शिवपाल यादव ने नरेश के जन्मदिन पर हरदोई को सड़कों और विकास कार्यों की सौगात दी। कई बार नरेश के आवास पर शिवपाल ने अपनी दोस्ती का अहसास कराया।
गुस्से में नरेश समर्थक
समर्थकों का कहना है कि परिवार की लड़ाई में नरेश अग्रवाल ने शिवपाल की दोस्ती से किनारा करते हुए अखिलेश यादव का साथ दिया। इस बात को लेकर विधानसभा चुनाव 2017 में अखिलेश यादव ने हरदोई की चुनावी सभा में न केवल नरेश की तारीफों के पुल बांधे, बल्कि यह तक कहा कि नरेश जी ने सपा और साइकिल चिन्ह को बचाने का काम किया। लेकिन जब बात राज्यसभा के नामंकन की आई तो अखिलेश यादव को नरेश अग्रवाल की याद नहीं आई।
हरदोई में नरेश अग्रवाल समर्थको को इस बात का रंज है और शायद नरेश अग्रवाल भी सोंच रहे होंगे कि चाचा-भतीजे की राजनीतिक लड़ाई में आखिर उन्होंने अखिलेश का साथ दिया, लेकिन फिर क्यों राज्यसभा टिकट नहीं दिया गया।
जल्द ही खिलेगा कोई राजनीतिक गुल
हरदोई से जुड़े सूत्रों की मानें तो नरेश इतनी जल्दी निराश होने वालों में नहीं है, जल्द ही कोई न कोई राजनीतिक गुल जरूर खिलेगा। ध्यान रहे कि पिछले एक अक्तूबर 2017 को 66 वर्ष पूरे कर चुके नरेश अग्रवाल करीब 20 वर्षों तक सत्ता के साथ जिले में राजनीति की धुरी और राजनीति के चाणक्य होने की ख्याति पा चुके हैं।
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