हरदोई और आस पास के जनपदों में पासी समाज में खासी पकड़ रखने वाले रहे पूर्व मंत्री स्व : परमाई लाल की जमीनी पकड़ और धाकड़ राजनीति के संस्मरण आज भी याद किये जाते है। तीन बार सांसद और एक बार यूपी में मंत्री रह चुकी ऊषा वर्मा गत लोकसभा चुनाव हार गई थी। मोदी लहर में चुनाव हारने के बाद ऊषा वर्मा के गत विधानसभा चुनाव होने तक अखिलेश सरकार में मंत्री बनने से लेकर एमएलसी मनोनीत होने के कयास लगते रहे मगर अखिलेश सरकार में उन्हें तरजीह और प्राथमिकता के कयास सिर्फ ख्यालों तक रहे जिसके लिए उनके परिवार की नजदीकियां सपा से मानी जाती रही है ।
विधानसभा चुनावों के बाद से यह माना जा रहा है कि पूर्व सांसद ऊषा वर्मा फिर से लोकसभा चुनाव सपा से आएंंगे। मुुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने ऊषा वर्मा के घर आकर राजनीतिक और पुुुराने रिश्ते के मजबूूूत होने का अहसास कराया था। जिसके चलते ऊषा वर्मा का टिकट लोकसभा चुनाव के लिये तय माना जा रहा था।