हरदोई की सदर लोकसभा सीट की इस सीट पर भाजपा के सिटिंग सांसद अंशुल वर्मा ने मोदी लहर में चुनाव में विजय श्री पाई थी और इस बार भाजपा के सबसे पहले बड़े टिकट के वही दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा सपा छोड़ कर भाजपा में आए कई बार सांसद रहे जयप्रकाश और कांग्रेसी रहेे सर्वेश जनसेवा, बसपा छोड़कर आए अशोक रावत और भाजपा केे विधायक श्याम प्रकाश के बेटे रवि प्रकाश सहित कई भाजपा नेता यहां से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। जबकि महागठबंधन से बाहर हो चुकी कांग्रेस इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए नए प्रत्याशी की तलाश में होगी तो वहीं सपा और बसपा से इसी सीट पर एक ही प्रत्याशी होने की दशा में गत चुनाव में रनर रहे बसपा प्रत्याशी रामकुमार कुरील और सपा प्रत्याशी पूर्व सांसद उषा वर्मा के बीच बड़ा मुकाबला टिकट पााने को लेकर इंतजार का रहेगा कि आखिर यह सीट बसपा के खाते में जाएगी यह सपा के खाते में जाएगी और दोनों में से अपना प्रत्याशी कौन उतरेगा। जातीय समीकरण और सियासी आकलन से इस तरफ तरह से देखा जाए तो यूपी में सपा और बसपा के गठबंधन के बाद भाजपा के लिए नई चुनौतियां सामने आ सकती है लेकिन इन सभी के बीच भाजपा के लिए भी राहत वाली खबर यह हो सकती है कि इस गठबंधन से होने वाले टिकट वितरण के बाद वे लोग जिनको इस बार टिकट नही मिल पाएगा वे भाजपा के लिए मददगार हो सकते हैं। फिलहाल तो यूपी में सपा बसपा के गठबंधन के बाद चुनावी गुणा भाग और सियासी हलचल तेज हो गई है।