scriptदिल्ली के बाद यूपी के हाथरस में आठ साल की बच्ची की भुखमरी से मौत, दूसरी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती | 8 years old girl died due to starvation in hathras like delhi case | Patrika News

दिल्ली के बाद यूपी के हाथरस में आठ साल की बच्ची की भुखमरी से मौत, दूसरी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

locationहाथरसPublished: Sep 11, 2018 03:45:59 pm

Submitted by:

suchita mishra

करीब एक हफ्ते से परिवार भुखमरी से जूझ रहा था।

bachchi

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हाथरस। दिल्ली में भुखमरी के चलते तीन बच्चों की मौत की घटना को कुछ ही समय बीता है, कि अब ऐसी ही एक घटना हाथरस शहर में भी सामने आयी है। यहां मुफलिसी ने एक बच्ची की जान ले ली, वहीं उसकी दूसरी बहन का आगरा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत काफी गंभीर है। ग्रामीणों का आरोप है कि बच्ची की मौत भूख के कारण हुई है। भूख से मौत की सूचना पर पूरा जिला प्रशासन गांव पहुंच गया। फिलहाल मृतक बच्ची को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जिला प्रशासन का कहना है कि बच्ची की बीमारी के चलते मौत हुई है। मामला सादाबाद के गांव वेदई स्थित नगला हट्टी का है।
ये है पूरा मामला
नगला हट्टी निवासी भूरी सिंह कच्चे मकान में टिन शेड में रहता है। कोल्ड स्टोर पर पल्लेदारी करता था। पिछले दो माह से काम बंद है। घर में पत्नी सोनिया और पांच बेटियां हैं। घर में खाने के लिए अन्न का दाना तक नहीं है। सात दिन से परिवार भुखमरी से जूझ रहा था। कई बार ग्रामीणों ने मदद भी की लेकिन समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं निकल रहा था। सोमवार शाम घर में झाडू लगाते समय भूरी सिंह की आठ साल की बेटी खुशी बेहोश होकर गिर पड़ी। कुछ देर बाद पांच साल की अन्नू भी बेहोश हो गई। आनन-फानन में दोनों बच्चियों को लेकर ग्रामीण सादाबाद स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। वहां से गंभीर हालत में दोनों बच्चियों को आगरा रेफर कर दिया गया। आगरा लाते समय टेढ़ी बगिया से पहले ही रास्ते में खुशी ने दम तोड़ दिया। जबकि अन्नू को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां वो गंभीर हालत से जूझ रही है। उसके अंदर खून की काफी कमी है। मलेरिया पॉजिटिव है। प्लेटलेट्स 18 हजार रह गई हैं।
घर पहुंचे एसडीएम व राशन डीलर
भूख से मौत की सूचना पर एसडीएम सादाबाद ज्योत्सना बंधु क्षेत्रीय राशन डीलर व राजस्व निरीक्षक के साथ जांच के लिए भूरी सिंह के घर पहुंची। भूरी सिंह की मुफलिसी देख वे भी हैरान रह गईं। राशन डीलर से घर में तेल, सब्जी, आटा आदि रखवाया गया है। वहीं वेदई ग्राम प्रधान मिथलेश के पुत्र बबलू ने बताया कि भूरी सिंह की हालत बहुत खस्ता है। न खेती है और न ही घर में राशन कार्ड है।
सात दिन से नहीं देखा अन्न का दाना
भूरी सिंह की पांच बेटियां हैं। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बड़ी बेटी प्रिया ननिहाल में रहती है। दूसरे नंबर की खुशी की मौत हो गई। तीसरे नंबर की अन्नू की हालत गंभीर है। चौथे व पांचवे नंबर की संगम और परी पांच और तीन साल की हैं। भूरी के भाई रविन्द्र ने बताया कि सात दिन से परिवार ने अन्न का एक दाना नहीं देखा। भूख से भतीजी की मौत हो गई। वहीं जिला प्रशासन भुखमरी की जगह बुखार से मौत मान रहा है। हालांकि एसडीएम ने पीड़ित के घर राशन पहुंचवा दिया है।
ये बोले डीएम
इस बारे में जिलाधिकारी डॉ. रमाशंकर मौर्य ने बताया भूख से मौत नहीं हुई है। बच्ची को बुखार आया था, उसी से हालत बिगड़ी। दूसरी बहन को भी बुखार है। आगरा में इलाज कराया जा रहा है। मामले की जांच एसडीएम सादाबाद को सौंपी है।
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