ये है पूरा मामला
नगला हट्टी निवासी भूरी सिंह कच्चे मकान में टिन शेड में रहता है। कोल्ड स्टोर पर पल्लेदारी करता था। पिछले दो माह से काम बंद है। घर में पत्नी सोनिया और पांच बेटियां हैं। घर में खाने के लिए अन्न का दाना तक नहीं है। सात दिन से परिवार भुखमरी से जूझ रहा था। कई बार ग्रामीणों ने मदद भी की लेकिन समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं निकल रहा था। सोमवार शाम घर में झाडू लगाते समय भूरी सिंह की आठ साल की बेटी खुशी बेहोश होकर गिर पड़ी। कुछ देर बाद पांच साल की अन्नू भी बेहोश हो गई। आनन-फानन में दोनों बच्चियों को लेकर ग्रामीण सादाबाद स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। वहां से गंभीर हालत में दोनों बच्चियों को आगरा रेफर कर दिया गया। आगरा लाते समय टेढ़ी बगिया से पहले ही रास्ते में खुशी ने दम तोड़ दिया। जबकि अन्नू को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां वो गंभीर हालत से जूझ रही है। उसके अंदर खून की काफी कमी है। मलेरिया पॉजिटिव है। प्लेटलेट्स 18 हजार रह गई हैं।
नगला हट्टी निवासी भूरी सिंह कच्चे मकान में टिन शेड में रहता है। कोल्ड स्टोर पर पल्लेदारी करता था। पिछले दो माह से काम बंद है। घर में पत्नी सोनिया और पांच बेटियां हैं। घर में खाने के लिए अन्न का दाना तक नहीं है। सात दिन से परिवार भुखमरी से जूझ रहा था। कई बार ग्रामीणों ने मदद भी की लेकिन समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं निकल रहा था। सोमवार शाम घर में झाडू लगाते समय भूरी सिंह की आठ साल की बेटी खुशी बेहोश होकर गिर पड़ी। कुछ देर बाद पांच साल की अन्नू भी बेहोश हो गई। आनन-फानन में दोनों बच्चियों को लेकर ग्रामीण सादाबाद स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। वहां से गंभीर हालत में दोनों बच्चियों को आगरा रेफर कर दिया गया। आगरा लाते समय टेढ़ी बगिया से पहले ही रास्ते में खुशी ने दम तोड़ दिया। जबकि अन्नू को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां वो गंभीर हालत से जूझ रही है। उसके अंदर खून की काफी कमी है। मलेरिया पॉजिटिव है। प्लेटलेट्स 18 हजार रह गई हैं।
घर पहुंचे एसडीएम व राशन डीलर
भूख से मौत की सूचना पर एसडीएम सादाबाद ज्योत्सना बंधु क्षेत्रीय राशन डीलर व राजस्व निरीक्षक के साथ जांच के लिए भूरी सिंह के घर पहुंची। भूरी सिंह की मुफलिसी देख वे भी हैरान रह गईं। राशन डीलर से घर में तेल, सब्जी, आटा आदि रखवाया गया है। वहीं वेदई ग्राम प्रधान मिथलेश के पुत्र बबलू ने बताया कि भूरी सिंह की हालत बहुत खस्ता है। न खेती है और न ही घर में राशन कार्ड है।
भूख से मौत की सूचना पर एसडीएम सादाबाद ज्योत्सना बंधु क्षेत्रीय राशन डीलर व राजस्व निरीक्षक के साथ जांच के लिए भूरी सिंह के घर पहुंची। भूरी सिंह की मुफलिसी देख वे भी हैरान रह गईं। राशन डीलर से घर में तेल, सब्जी, आटा आदि रखवाया गया है। वहीं वेदई ग्राम प्रधान मिथलेश के पुत्र बबलू ने बताया कि भूरी सिंह की हालत बहुत खस्ता है। न खेती है और न ही घर में राशन कार्ड है।
सात दिन से नहीं देखा अन्न का दाना
भूरी सिंह की पांच बेटियां हैं। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बड़ी बेटी प्रिया ननिहाल में रहती है। दूसरे नंबर की खुशी की मौत हो गई। तीसरे नंबर की अन्नू की हालत गंभीर है। चौथे व पांचवे नंबर की संगम और परी पांच और तीन साल की हैं। भूरी के भाई रविन्द्र ने बताया कि सात दिन से परिवार ने अन्न का एक दाना नहीं देखा। भूख से भतीजी की मौत हो गई। वहीं जिला प्रशासन भुखमरी की जगह बुखार से मौत मान रहा है। हालांकि एसडीएम ने पीड़ित के घर राशन पहुंचवा दिया है।
भूरी सिंह की पांच बेटियां हैं। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बड़ी बेटी प्रिया ननिहाल में रहती है। दूसरे नंबर की खुशी की मौत हो गई। तीसरे नंबर की अन्नू की हालत गंभीर है। चौथे व पांचवे नंबर की संगम और परी पांच और तीन साल की हैं। भूरी के भाई रविन्द्र ने बताया कि सात दिन से परिवार ने अन्न का एक दाना नहीं देखा। भूख से भतीजी की मौत हो गई। वहीं जिला प्रशासन भुखमरी की जगह बुखार से मौत मान रहा है। हालांकि एसडीएम ने पीड़ित के घर राशन पहुंचवा दिया है।
ये बोले डीएम
इस बारे में जिलाधिकारी डॉ. रमाशंकर मौर्य ने बताया भूख से मौत नहीं हुई है। बच्ची को बुखार आया था, उसी से हालत बिगड़ी। दूसरी बहन को भी बुखार है। आगरा में इलाज कराया जा रहा है। मामले की जांच एसडीएम सादाबाद को सौंपी है।
इस बारे में जिलाधिकारी डॉ. रमाशंकर मौर्य ने बताया भूख से मौत नहीं हुई है। बच्ची को बुखार आया था, उसी से हालत बिगड़ी। दूसरी बहन को भी बुखार है। आगरा में इलाज कराया जा रहा है। मामले की जांच एसडीएम सादाबाद को सौंपी है।