दरअसल, 22 अगस्त 2021 की रात कोतवाली हाथरस जंक्शन इलाके के एक गांव में घर पर सो रही 10 वर्षीय मासूम लड़की रात में अचानक परिजनों के बीच से लापता हो गई थी। परिवार के लोगों की सुबह आंख खुली तो बच्ची अपनी जगह से गायब पाया। बच्ची के अचानक लापता होते ढूंढ मच गई। 23 अगस्त की सुबह करीब 11 बजे बच्ची का अर्द्धनग्न शव हाथरस जंक्शन-सादाबाद बार्डर पर सूजिया गांव के पास नहर में पड़ा हुआ मिला।कातिल ने निर्मम पूर्वक बच्ची की हत्या की थी। बच्ची का एक हाथ और एक पैर बंधा हुआ था। बच्ची के परिजनों ने हत्या करने के साथ दुष्कर्म की आशंका जताई थी। 24 अगस्त को बच्ची का पुलिस फोर्स की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। घटना के बाद पुलिस ने 26 अगस्त को बच्ची की हत्या करने वाले कातिल को गिरफ्तार कर तीन दिन में पूरे मामले का खुलासा कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई।
इस मामले में तेजी से गवाही और साक्ष्य अदालत के सामने पेश किए गए। अदालत ने मामले में सुनवाई करते बच्ची के कातिल को फांसी की सजा सुनाई। बता दें कातिल के खिलाफ हाथरस सहित कासगंज जिले में लूट, डकैती सहित कई संगीन धाराओं के 11 के करीब मुकदमे दर्ज हैं। कातिल पड़ोसी के रिश्तेदार चंद्रपाल ने शराब के नशे में बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म किया था, जिसके बाद बेहोशी की हालत में बच्ची को मरा हुआ समझकर उसने नहर में फेंक दिया था।
पोक्सो कोर्ट जज ने सुनाया एतिहासिक फैसला करीब चार महीने में ही पोक्सो कोर्ट जज प्रतिभा सक्सेना ने बच्ची के हत्यारे दुष्कर्मी कातिल चन्द्रपाल कुशवाह दोषी ठहराया। अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए बच्ची के कातिल को दुष्कर्म और हत्या करने के आरोप में फांसी की सजा सुनाते हुए 1 लाख 20 जुर्माना लगाया है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि चंद्रपाल को फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए, जब तक कि उसकी मृत्यु न हो जाए।