रविवार काे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे। चंद्रशेखर के साथ पूरा काफिला था सुरक्षाकर्मियों ने उनके काफिले काे राेक दिया था। इसके बाद वह अकेले ही गांव की और पैदल चल दिए थे। शाम काे परिवार से मिलने के बाद वह लाैटे ताे मीडियाकर्मियों से बात की। इस दाैरान चंद्रशेखर ने कहा कि परिवार के सदस्य खुद काे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पास के ही गांव में आराेपियाें के पक्ष में पंचायतें हाे रही हैं। परिवार के सदस्यों ने असुरक्षा की भावना व्यक्त की है। एक सवाल के जवाब में उन्हाेंने कहा कि कहां जाएंगे पूरे देश में गुस्सा है। यह कहते हुए चंद्रशेखर ने सरकार से मांग की है कि हाथरस के पीड़ित परिवार काे वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाए।
इतनी बातचीत के दाैरान भीम आर्मी इस मामले काे जातिगत हवा देने की काेशिश से नहीं चूके और बाेले कि जब कंगना रनाैत काे वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जा सकती है ताे हमारे इस परिवार काे वाई श्रेणी की सुरक्षा क्याें नहीं दी जा सकती। परिवार काे सुरक्षा दी जाए क्याेंकि दहशत में साए में कभी न्याय नहीं मिल सकता है।
भीम आर्मी प्रमुख ने यह भी कहा कि, सुप्रीम काेर्ट के रिटायर्ड जज से जांच कराई जाए और उनके संज्ञान में पूरा मुकदमा चले ताे न्याय की उम्मीद की जा सकती है। हमे न्यायपालिका पर भूरा भराेसा है लेकिन सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष काे डराने धमकाने के लिए किया जाता है हमने देखा है।