अभियान के नाम पर लापरवाही
बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग अभियान जरूर चला रहा है, लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती जा रही है। लापरवाह अफसर बिना जांच किए ऐसे उपभोक्ताओं पर मुकदमा दर्ज करा रहे हैं जो नियमों का पूरा पालन कर रहे हैं, या फिर जिनकी मौत पूर्व में ही हो चुकी है।
बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग अभियान जरूर चला रहा है, लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती जा रही है। लापरवाह अफसर बिना जांच किए ऐसे उपभोक्ताओं पर मुकदमा दर्ज करा रहे हैं जो नियमों का पूरा पालन कर रहे हैं, या फिर जिनकी मौत पूर्व में ही हो चुकी है।
पुलिस जांच में हुआ खुलासा
पुलिस के उपनिरीक्षक सतीशचंद्र यादव ने बताया कि 28 अगस्त को बिजली महकमे ने 21 बिजली चोरों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें महकमे के अधिकारियों ने लाल सिंह पुत्र वंताराम निवासी गौतम नगर सादाबाद का नाम भी शामिल किया था, लेकिन जांच में पता चला कि गौतम नगर में इस नाम का कोई व्यक्ति रहता ही नहीं है। यह व्यक्ति कूपा गली सादाबाद का रहने वाला निकला। जांच में यह भी सामने आया कि यह व्यक्ति तीन जून को ही मर चुका है।
पुलिस के उपनिरीक्षक सतीशचंद्र यादव ने बताया कि 28 अगस्त को बिजली महकमे ने 21 बिजली चोरों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें महकमे के अधिकारियों ने लाल सिंह पुत्र वंताराम निवासी गौतम नगर सादाबाद का नाम भी शामिल किया था, लेकिन जांच में पता चला कि गौतम नगर में इस नाम का कोई व्यक्ति रहता ही नहीं है। यह व्यक्ति कूपा गली सादाबाद का रहने वाला निकला। जांच में यह भी सामने आया कि यह व्यक्ति तीन जून को ही मर चुका है।
ये बोले अधिकारी
अधिशासी अभियंता सादाबाद जेपी गुप्ता ने बताया कि जिसके नाम कनेक्शन होगा, विभाग उसके खिलाफ बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज कराता है। अगर कनेक्शन धारक की मौत हो चुकी है तो उसके परिजनों को विभागीय रिकॉर्ड में प्रार्थना पत्र देकर नाम बदलवाना चाहिए था।
अधिशासी अभियंता सादाबाद जेपी गुप्ता ने बताया कि जिसके नाम कनेक्शन होगा, विभाग उसके खिलाफ बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज कराता है। अगर कनेक्शन धारक की मौत हो चुकी है तो उसके परिजनों को विभागीय रिकॉर्ड में प्रार्थना पत्र देकर नाम बदलवाना चाहिए था।