क्या है मामला दरअसल जिले में मिरहची क्षेत्र के गांव की महिला ने डीएम एटा से शिकायत की थी। महिला के पति का देहांत हो चुकी है। शिकायत में आरोप था कि कि दो वर्ष पूर्व जब वह मथुरा में अपने एक रिश्तेदार के यहां गई थी, तभी उसकी मुलाकात भानुप्रताप नाम के एक व्यक्ति से हुई। भानुप्रताप ने खुद को तलाकशुदा बताते हुए शादी का प्रस्ताव रखा। लेकिन शादी का झांसा देकर भानू प्रताप ने महिला के साथ शारीरिक संबंध बना लिए। इशके बाद महिला गर्भवती हो गई तो जबरन उसका गर्भपात करा दिया।
जब महिला ने संबंध खत्म कर लिए तो वह उसे तंग करने लगा। महिला ने जब रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही तो 22 मार्च को भानू प्रताप अपने साथी हरीशचंद्र (बीएसए हाथरस) पुत्र सदीराम निवासी गणेश सिटी (हाथरस), पोप सिंह (बीईओ सिकंदराराऊ) पुत्र गोकुल चंद्र निवासी विभव नगर (हाथरस), शशिकांत प्रभाकर निवासी शांतिनगर, कोतवाली एटा व एक अज्ञात को साथ लेकर घर आ गया। महिला का आरोप है कि पांचो ने समझौते का दबाव बनाया। कोल्डड्रिंक्स में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया। और जब बेहोश हो गई तो सामूहिक दुष्कर्म किया। मामले में 24 मार्च को डीएम एटा के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
एडी बेसिक ने ली जानकारी वहीं मामले में एडी बेसिक इंद्र प्रकाश सोलंकी ने बीएसए व बीईओ से जानकारी ली। एडी बेसिक का कहना है कि फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई के चलते साजिश के तहत दोनों को फंसाया गया हो, ऐसा भी हो सकता है।
फंसाने की कोशिश वहीं ममाले में फंसे बीएसए हरीशचंद्र का साफ कहना है कि वह महिला को जानते तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी इसीके चलते फंसाने के लिए औऱ छवि खराब करने के लिए झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा कि वह एटा जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे।