मेले जैसा नजारा करीब साढ़े ग्यारह हजार लोगों ने नववर्ष के अवसर पर मंगलायतन मंदिर के भव्य परिसर को निहारा। इस नई शुरुआत को एक आध्यात्मिक रूप दिया। यहां लोग अपने परिवार, मित्रों व प्रियजनों के साथ आए। दिनभर मेले जैसा बना रहा। मंदिर के बाहर भी चाय, कॉफी व फल आदि के स्टॉल सजाए गए। पांच दिन तक यही क्रम चलेगा।
पांच जैन मंदिर मंगलायतन मंदिर स्थित धन्य मुनिदशा गुफा व कैलाश पर्वत मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। कैलाश पर्वत पर विराजमान विशाल आदिनाथ भगवान की प्रतिमा के दर्शन कर सभी ने खूब धर्म कमाया। धन्यमुनिदशा गुफा में जैन मुनिराजों के जीवन को झांकी के माध्यम से दर्शाया गया है। पर्यटकों ने गुफा में लाइट व साउंड को खूब सराहा। मंगलायतन के निदेशक सुधीर शास्त्री ने बताया कि हर साल हजारों की संख्या में ही लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। इस बार भी आंकड़ा ग्यारह हजार के पार गया। मंगलायतन में मानस्तंभ मंदिर, भगवान महावीर स्वामी मंदिर, बाहुबली जिन मंदिर, जिनवाणी मंदिर व कैलाश पर्वत सहित पांच जिन मंदिर हैं।
मध्य प्रदेश और राजस्थान से आए अलीगढ़, हाथरस व मथुरा के अलावा अन्य बड़े शहरों से भी लोग आए। दोपहर तक आसपास के क्षेत्र से लोगों का आना-जाना लगा रहा। वहीं शाम को मध्य प्रदेश व राजस्थान से दर्शनार्थी पधारे। मंगलायतन स्थित श्री आदिनाथ विद्यानिकेतन के मंगलार्थी छात्रों ने भी सभी दर्शनार्थियों को मंगलायतन भ्रमण कराया। सभी ने इस भव्य परिसर की संरचना को खूब सराहा।