इस तरह तैयार होती है हींग हींग का काफी कच्चा माल अफगानिस्तान से आता है। लेकिन अब वहां से हींग का आयात महंगा हो गया है। कीमतों में करीब 10 से 15 फीसदी तक उछाल आ चुका है। जिले में हींग का कारोबार 100 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। इसे विदेशों में पाए जाने वाले एक पौधे से तैयार किया जाता है। जिले में हींग का कारोबार करीब 50 करोड़ टर्नओवर में फैला हुआ है। अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, ईराक में पाए जाने वाले एक खास तरह के पेड़ की जड़ से हींग का रेजिन तैयार होता।
हींग के दूध को कई दिनों तक धूप में सुखाया जाता है। इसके बाद कई ऐसी चीजों का मिश्रण इसमें डाला जाता है जो इसे हींग की क्वालिटी के लिए तैयार करे। पूरी पैकेजिंग और प्रोसेस के बाद हींग को मार्केट में बेचा जाता है। प्रोसेसिंग के दौरान अलग-अलग फ्लेवर तैयार किए जाते हैं। क्वालिटी के अनुसार उसके दाम तय होते हैं।
ओडीओपी में शामिल हाथरस की हींग हाथरस की हींग को पूरी दुनिया में पहचान देते हुए योगी सरकार ने इसे 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' योजना में चयनित किया है। सरकारी मदद से लोग हींग के कारोबार को बड़े पैमाने पर करने लगे हैं। हाथरस का हींग न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में होती है।