इस बाबत पीड़िता के भाई ने मीडिया से कहा है कि हम किसी चीज से संतुष्ट नहीं हैं अैर पीड़िता की असथियां तब तक विसर्जित नहीं की जाएगी जब तक कि आरोपी फांसी के फंदे पर नहीं चढ़ा दिये जाते। भाई का कहना है कि हमने सीबीआई जांच की मांग कभी नहीं की। एसआईटी जांच तो पहले से चल ही रही है। पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा की जानी चाहिये।
उधर दूसरी ओर सरकार की ओर से हाथरस कांड को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस घटना के लिये सभी जिम्मेदारों को कठोर से कठोर सजा दिलाने की प्रतिबद्घता जतायी गयी है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को ट्वीट कर कहा है कि हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना और उससे जुड़े सभी बिंदुओं की गहन पड़ताल के उद्देश्य से सरकार इस प्रकरण की विवेचना केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराने की संस्तुति कर रही है। घटना के जिम्मेदार सभी लोगों को कठोरतम सजा दिलाने के लिये हम संकल्पबद्घ हैं। बता दें कि सीएम योगी के आदेश के बाद राज्य सरकार ने हाथरस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है। उधर शनिवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद उसे न्याय दिलाने के लिये संघर्ष जारी रखने की बात कही है।