जीएसटी के बारे में नहीं है पूरी जानकारी
ट्रांसपोर्टर नवजोत शर्मा के अनुसार जीएसटी के लागू होने के बाद कारोबार 50 फीसद रह गया है, क्योंकि इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है, सेलटैक्स ऑफिस में भी कुछ नहीं जानकारी मिल पाती है। कस्टुमर केयर की कह कर बात टाल देते हैं, यहां तक कि वहां से कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। माल भेजने के लिए ई वे बिल निकालना पड़ता है, हर समय लाइट मौजूद नहीं रहती है, साथ ही सर्वर की प्रॉब्लम भी रहती है। ई वे बिल के जरिये एक बार में पूरा माल नहीं जा पाता है, साथ ही व्यापारियों को इसके बारे में जानकारी नहीं है, इसलिए बहुत समस्याएं आ रही हैं।
ट्रांसपोर्टर नवजोत शर्मा के अनुसार जीएसटी के लागू होने के बाद कारोबार 50 फीसद रह गया है, क्योंकि इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है, सेलटैक्स ऑफिस में भी कुछ नहीं जानकारी मिल पाती है। कस्टुमर केयर की कह कर बात टाल देते हैं, यहां तक कि वहां से कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। माल भेजने के लिए ई वे बिल निकालना पड़ता है, हर समय लाइट मौजूद नहीं रहती है, साथ ही सर्वर की प्रॉब्लम भी रहती है। ई वे बिल के जरिये एक बार में पूरा माल नहीं जा पाता है, साथ ही व्यापारियों को इसके बारे में जानकारी नहीं है, इसलिए बहुत समस्याएं आ रही हैं।
अटका हुआ है करोड़ों रुपया
वरिष्ठ व्यापारी नेता मदन मोहन वार्ष्णेय की मानें तो मध्यम वर्गीय व्यापारी इस जीएसटी में पूरी तरह टूट गया है और बड़े बड़े व्यापारियों का करोड़ो रुपया टैक्स के रूप में अटका हुआ है, और उनका निर्यात व्यापार घट गया है। उनके अनुसार किराना व्यापार में जीएसटी और मंडी शुल्क दोनों लगते हैं। जीएसटी लागू करने से पहले व्यापारी प्रतिनिधियों की सलाह नहीं ली गयी, जिसके कारण यह समस्या हो रही है। उन्होंने कहा कि भजपा सरकार में तो व्यपारियों का शोषण हुआ है।
वरिष्ठ व्यापारी नेता मदन मोहन वार्ष्णेय की मानें तो मध्यम वर्गीय व्यापारी इस जीएसटी में पूरी तरह टूट गया है और बड़े बड़े व्यापारियों का करोड़ो रुपया टैक्स के रूप में अटका हुआ है, और उनका निर्यात व्यापार घट गया है। उनके अनुसार किराना व्यापार में जीएसटी और मंडी शुल्क दोनों लगते हैं। जीएसटी लागू करने से पहले व्यापारी प्रतिनिधियों की सलाह नहीं ली गयी, जिसके कारण यह समस्या हो रही है। उन्होंने कहा कि भजपा सरकार में तो व्यपारियों का शोषण हुआ है।