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महामूर्ख सम्मेलन में अनिल बौहरे की फांय-फांय और चन्द्रगुप्त की कांय-कांय, पढ़िए बृज की मजेदार खबर

locationहाथरसPublished: Apr 03, 2019 02:17:48 pm

कार्यक्रम में सब मूरखन ने मां शतरूपा कूं प्रणाम करकै शुरू करौ और हाय-हाय वाय-वाय सेडू राजा ***** की दुल्लाता से सम्पन्न करो।

हाथरस। काका हाथरसी द्वारा 1959 में पैदा करो महामूर्ख सम्मेलन। याकी 60वीं वर्षगांठ कूं राधाकृष्ण कृपा भवन सभागार में मूर्खाचार्य आशुकवि अनिल बौहरे की फांय-फांय व चन्द्रगुप्त की कांय-कांय से अध्यक्ष की कुर्सी की टांग उषा गुप्ता ने पकर कैं डा. एस. सी. शर्मा नै मेज पै धमके डा. जितेन्द्र स्वरूप शर्मा फौजी ने तोप में मूर्ख बन डार कैं प्रभूदयाल दीक्षित प्रभू और दीपक रफी ने ***** की तरह कैमरा में आंख मार कै मथुरा के राजेन्द्र बंसल कूं महामूर्खाधिराज बनाय मूरख सम्मेलन कूं चार चांद पै भेज दीनो।
मूर्ख सम्मेलन में काका की तस्वीर पै दुपट्टा उढ़ायौ और महामूर्खाधिराज की उपाधि कूं राजेन्द्र बंसल महामंत्री राष्ट्रीय कार्यकारिणी ब्रज कला केन्द्र मथुरा अपनी लंगोट में बांध कै फरार है गये।
सब मूरखन ने मां शतरूपा कूं प्रणाम करकै शुरू करौ
मूर्ख हस्पताल के मरीज श्यामबाबू चिन्तन डकराये कै डाक्टर नितिन मिश्रा पहले वैद्य नाड़ी से बीमारी बतातै अब कम्पाउंडर देवेश आसू और पूनम ठाकुर ने जेब कटवा दी है। मूरखन के स्कूल में मास्टर डा. उपेन्द्र झा के क्लर्क दरोगा वर्मा ने विद्यार्थी गणपति गणेश ने नकल करावे के पचास हजार झटके हैं। कार्यक्रम में सब मूरखन ने मां शतरूपा कूं प्रणाम करकै शुरू करौ और हाय-हाय वाय-वाय सेडू राजा ***** की दुल्लाता से सम्पन्न करो। मूरखता के साटीफिकेट कम पर गये, जा लाइन में योगेन्द्र शर्मा ‘योगा पंडित’, मनु दीक्षित, सोनाली वाष्र्णेय, ओमप्रकाश, गोविन्द सिसौदिया, जयप्रकाश तिवारी, हरीमोहन शर्मा गुरूजी, क्रीटो भटनागर, बब्लू पाराशर, चन्द्रभान गोस्वामी, डा. देशराज सिंह, हरीशंकर वर्मा, नवल नरूला, कपिल नरूला, रामभजनलाल, चाचा हाथरसी, मतेन्द्रसिंह एड., संजीव वाष्र्णेय, आदेश वाष्र्णेय, राजेन्द्र प्रसाद, दीपक कुमार मथुरा सब मूरखन कूं ***** बनाने में दण्ड पेल रहे थे।

गाफिल स्वामी इगलास मच्छर मारवे पै रो रहे
बाबा देवीसिंह निडर मूर्ख महिमा, प्रदीप पंडित ठंडाई महिमा कूं मूर्खता से बखान रहे। मूरखन की हदालत में ***** ढेंचू-ढेंचू कर आवाज लगा रहो हतो। वकील चांद हुसैन चांद ने कुर्सी तोड़ तई, पेशकार जसवीर सिसौदिया औंधो पड़ो, क्लास्ट रामबाबू पिप्पल सादाबाद, गाफिल स्वामी इगलास मच्छर मारवे पै रो रहे। महामूरख जज अनिल बौहरे हथौड़ा पीटते रहे। हरीश शर्मा एड. के संग अमृतसिंह पौनियां मूरख के मुकद्दमा की पैरवी कूं ***** पै बैठ के भागत भये नजर आये सब कह रहे।
वोट नाय डारे जो गया, वो मूरख होवै।
नाहिं पसन्द उम्मीदवार, तौ बटन नौटा होवे।।
मूरख और ***** पूरे साल माल चरिंगे।
1 अप्रैल 2020 मूरख सम्मेलन में फिर मिलिंगे।।
कवि दरबार में फल व सब्जियों से स्वागत
मूर्ख दिवस के अवसर पर सादाबाद गेट स्थित धन्वन्तरि औषधालय के प्रांगण में 181 वें कवि दरबार का आयोजन पूर्व सांसद डा. बंगालीसिंह की अध्यक्षता एवं पालिकाध्यक्ष पं. आशीष शर्मा के मुख्यातिथ्य में हुआ। कवियों, साहित्यकारों व समाजसेवियों ने डा. बंगालीसिंह व आशीष शर्मा का फलों एवं सब्जियों के हार पहना कर स्वागत किया।

हास्य की प्रधानता पर जोर
कवि दरबार के संस्थापक वैद्य मोहन ब्रजेश रावत ने आयोजन के स्थापना व उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये कहा कि हाथरस साहित्यकारों की नगरी है। कवि दरबार के संचालन का उद्देश्य कवि साहित्यकारों का प्रोत्साहन एवं सम्मान कर साहित्य व काव्य की धारा प्रवाहित करना है। साहित्यकार गोपाल चतुर्वेदी ने काका हाथरसी और उनके आयोजनों की भव्यता पर प्रकाश डाला। साहित्यकार विद्यासागर विकल ने समाज में बढ़ते तनाव को दृष्टिगत रख हास्य की प्रधानता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में हास्य भी जीवन को और सुन्दर बनाता है।

इतने बड़े जहां में से अच्छा सा एक यार चाहिये
काव्य पाठ करते हुये गणपति गणेश ने कहा-दूध निपनिया सपनौ है गयौ मिलै दूध सपरेटा, पी-पी के जाये सूखि गये हैं मेरी बेटी-बेटा। रोशनलाल वर्मा-मैं भी तो मानव हूं मिले मुझको भी तौ प्यार चाहिये, इतने बड़े जहां में से अच्छा सा एक यार चाहिये। प्रभूदयाल दीक्षित-सबको समझे मूर्ख वो है मूरख अज्ञान, खुद को समझे मूर्ख जो वह सच्चा विद्वान। डा. नितिन-अगर माफिक न हो रिश्ते भरोसा टूट जाता है, पतंगों का भरी आंधी में धागा टूट जाता है, भरोसा तोड़कर के तुम हमेशा ख
ेलते दिल से, ये मिट्टी का खिलौना है जो अक्सर टूट जाता है। चांद हुसैन चांद-मेरे देश का इंसान गर इंसान हो जाये, तो अपना विश्व से बेहतर हिन्दुस्तान हो जाये। नन्दकिशोर निर्मोही-जनता चैकीदार वतन का मैं भी चैकीदार हूं, राष्ट्र भारती का सेवक हूं, भारत मां का प्यार हूं। रामजीलाल शिक्षक-नरकेश्वर कहने लगे, सुनो विष्णु भगवान, जनता का नेता चुनो करो उसका सम्मान। प्रदीप पंडित ने भी काव्य पाठ किया। आभार साहित्यकार गोपाल चतुर्वेदी ने प्रकट किया।

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