ये था मामला
दरअसल सोनू कुमार किसी काम से न्यायालय मथुरा गए थे, तभी उन्हें मथुरा छावनी स्टेशन पर एक महिला प्रसव पीड़ा में दर्द से परेशान मिली। महिला दर्द से कराह रही थी। उसकी मदद के लिए उन्होंने तत्काल 108 व 102 एम्बुलेंस पर कॉल की, लेकिन एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी। इसके बाद वे उसे ई रिक्शा पर बैठाकर जिला अस्पताल ले गए, लेकिन वहां डॉक्टर ने उन्हें महिला अस्पताल ले जाने के लिए कहा। उन्होंने स्ट्रेचर की मांग की तो वो भी उपलब्ध नहीं हुआ। लिहाजा देर किए बगैर उन्होंने महिला को गोद में उठाया और महिला अस्पताल की ओर दौड़ लगा कर महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। इस नजारे को देखकर हर कोई हैरान था। इसके बाद महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया। फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ हैं।
दरअसल सोनू कुमार किसी काम से न्यायालय मथुरा गए थे, तभी उन्हें मथुरा छावनी स्टेशन पर एक महिला प्रसव पीड़ा में दर्द से परेशान मिली। महिला दर्द से कराह रही थी। उसकी मदद के लिए उन्होंने तत्काल 108 व 102 एम्बुलेंस पर कॉल की, लेकिन एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी। इसके बाद वे उसे ई रिक्शा पर बैठाकर जिला अस्पताल ले गए, लेकिन वहां डॉक्टर ने उन्हें महिला अस्पताल ले जाने के लिए कहा। उन्होंने स्ट्रेचर की मांग की तो वो भी उपलब्ध नहीं हुआ। लिहाजा देर किए बगैर उन्होंने महिला को गोद में उठाया और महिला अस्पताल की ओर दौड़ लगा कर महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। इस नजारे को देखकर हर कोई हैरान था। इसके बाद महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया। फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ हैं।
पहले भी कई अच्छे काम कर चुके है जीआरपी प्रभारी
हाथरस सिटी जीआरपी प्रभारी सोनू कुमार ने जब से सिटी स्टेशन जीआरपी थाने का चार्ज संभाला है, तब से अब तक दर्जनों बिछड़े बच्चों को उनके परिजनों से मिलवा चुके हैं। उन्होंने कई नाबालिग बच्चों को स्टेशन पर काम करने से रोका है। चेकिंग के दौरान रेल के अंदर भी वे नाबालिग बच्चों को पकड़कर उनसे काम न करवाने की चेतावनी दी है।
हाथरस सिटी जीआरपी प्रभारी सोनू कुमार ने जब से सिटी स्टेशन जीआरपी थाने का चार्ज संभाला है, तब से अब तक दर्जनों बिछड़े बच्चों को उनके परिजनों से मिलवा चुके हैं। उन्होंने कई नाबालिग बच्चों को स्टेशन पर काम करने से रोका है। चेकिंग के दौरान रेल के अंदर भी वे नाबालिग बच्चों को पकड़कर उनसे काम न करवाने की चेतावनी दी है।
कई यात्रियों की बचाई है जान
कुछ समय पहले एक यात्री चलती रेल में चढ़ने की कोशिश कर रहा था, तभी अचानक वो रेल की चपेट में आकर घायल हो गया। ऐसे में सोनू कुमार ने उसे अपने साथी की मदद से कंधे पर लादकर जिला अस्पताल पहुंचाया। तब जाकर उसकी जान बची। इसी तरह वे कई अन्य लोगों की जान बचा चुके हैं।
कुछ समय पहले एक यात्री चलती रेल में चढ़ने की कोशिश कर रहा था, तभी अचानक वो रेल की चपेट में आकर घायल हो गया। ऐसे में सोनू कुमार ने उसे अपने साथी की मदद से कंधे पर लादकर जिला अस्पताल पहुंचाया। तब जाकर उसकी जान बची। इसी तरह वे कई अन्य लोगों की जान बचा चुके हैं।