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कितने ही सांसद आए और चले गए पर ‘बृज की देहरी’ का दर्द न जाने कोय, देखें वीडियो

locationहाथरसPublished: Apr 16, 2019 06:07:02 pm

हाथरस जिले का गठन तीन मई, 1997 को अलीगढ़, मथुरा और आगरा जिले के हिस्सों को मिलाकर किया गया था। लोकसभा 2019 चुनाव के लिए हाथरस सीट पर 18 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होना है।

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हाथरस। ब्रज क्षेत्र में आने वाला हाथरस सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व का है। हाथरस को बृज की देहरी कहा जाता है। आजादी से पहले यहां जाट राजाओं का राज था। 18 फरवरी 1917 में अंग्रेजों की सेनाओं ने हमला करके हाथरस किले पर अपना आधिपत्य कर लिया था। इस लड़ाई में किला ध्वस्त हो गया था, लेकिन इसमें राजाओं द्वारा बनवाया गया भगवान दाऊजी का मन्दिर आज भी विद्यमान है। हाथरस जिले का गठन तीन मई, 1997 को अलीगढ़, मथुरा और आगरा जिले के हिस्सों को मिलाकर किया गया था। लोकसभा 2019 चुनाव के लिए हाथरस सीट पर 18 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होना है।
संसदीय क्षेत्र की विशेषता व प्रत्याशियों के वादे

यहां कुटीर और सीजनल उद्योग तो कई है, लेकिन यहां कोई ऐसा उद्योग नहीं है जहां लोगों को पूरे साल के लिए रोजगार मिलता हो। यहां सासनी क्षेत्र में पराग डेयरी स्थापित हुई थी जो कई वर्षों तक चली भी लेकिन अब वह सालों से बंद पड़ी है। उसके दोबारा शुरू होने की बात कई बार उठी, लेकिन अब तक शुरू नहीं हुई। हाथरस में अब तक चाहे वो विधानसभा या लोकसभा का चुनाव हो. जितने भी प्रत्याशी वोट मांगने आते हैं, उनका वादा होता है सबसे पहले वो हाथरस की प्रमुख समस्या जाम से निजात दिलानाएंगे, ओवरव्रिज बनवाएंगे। इस बार पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। वादा तो प्रत्याशियों का यह भी रहता है कि वह बंद पड़े तमाम उद्योगो को शुरू करेंगे। चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी कहीं खो जाते हैं। यहां का सासनी नगर कभी कांच उद्योग के लिए उत्तर प्रदेश में अच्छा स्थान रखता था। हाथरस में हींग, हसायन में इत्र और सिकंदराराऊ में मूंगा मोती का कारोवार विश्व प्रसिद्ध रहा है. पर अब इन पर संकट के बादल छाये हुए हैं। हाथरस में उद्योग धंधे के नाम पर कोई ऐसा उद्योग नहीं है, जंहा लोगों को रोजगार मिल जाता हो ।
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हाथरस लोकसभा (सुरक्षित) के सम्भावित जातीय समीकरण:

ब्राह्मण – 305410
ठाकुर – 243810
जाट – 197218
जाटव – 173280
मुस्लिम – 167819
बघेल – 116380
यादव – 79164
कोरी – 59792
बाल्मीकि – 70984
खटीक – 20320
भाजपा का कई साल से कब्ज़ा, इस बार त्रिकोणीय संघर्ष के आसार

हाथरस लोकसभा के लिए 18 अप्रैल को मतदान होना है यहां भाजपा गठबंधन और कांग्रेसी उम्मीदवारों सहित 8 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यहां चुनाव राष्ट्रवाद, जातिवाद और स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाना है। गठबंधन को छोड़कर किसी भी पार्टी ने स्थानीय मुद्दे पर कोई खास बातचीत नहीं की है। हाथरस में सभी मूलभूत समस्याएं मुंह बाए खड़ी है, शिक्षा स्वास्थ्य, बेरोजगारी, बिजली, पानी, सड़क और किसानी सभी समस्याएं यहां पर हैं। लेकिन इन मुद्दों को किसी भी पार्टी ने गंभीरता से नहीं लिया है। ज्यादातर पार्टी प्रत्याशी राष्ट्रवाद की लड़ाई लड़ते दिखे। इसीलिए राष्ट्रवाद का नारा देकर वोटरों को लुभाने की कोशिश की तो किसी ने देश के बंटवारे के लिए जिन्ना नहीं, वीर सावरकर को दोषी ठहराया। किसी भी दल के लोगों ने रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाने का भी जिक्र नहीं किया। हाथरस में मूंगा मोती कारोबार बहुत खस्ता हाल में है। लाखों लोगों को रोजगार मिला करता था। अब कारीगर दूसरे राज्यों में काम करने को मजबूर है। हाथरस लोकसभा चुनाव में 1991 से 2004 तक भारतीय जनता पार्टी का ही कब्ज़ा रहा। 1996 से लेकर 2004 तक भाजपा के प्रत्याशी किशन लाल दिलेर काबिज रहे। उनकी मौत के बाद 2009 में यह सीट भाजपा रालोद गठबंधन के चलते रालोद के खाते में चली गई थी। जिस पर रालोद प्रत्याशी सारिका बघेल ने जीत दर्ज कराई थी।
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हाथरस लोकसभा (सुरक्षित) सीट का विवरण :

सीट से कुल प्रत्याशी – 08

कुल वोटर- 18 लाख 31 हजार 216 मतदाता

पुरूष – 09 लाख 90 हजार 708

महिला – 08 लाख 40 हजार 439

अन्य – 69
मतदेय स्थल – 2 हजार 195

विधानसभा क्षेत्र पुरुष महिला अन्य कुल


हाथरस 213357 179670 5 393032

सादाबाद 191701 158629 22 350352

सिकंदरराऊ 194123 163661 19 357803

छर्रा 195539 169528 14 365081
इगलास 195988 168951 9 730029

कुल 990708 840439 69 1831216

आर्थिक डाटा लगभग:

औद्योगिक टर्न ओवर – 50 हजार करोड़ (प्रति वर्ष)

पंजीकृत कारखाने – 137

लघु औद्योगिक इकाइया – 1199
hatrhas candidates
यह है इस बार मैदान में:

प्रत्याशी- पार्टी

1- राजवीर सिंह दिलेर -भाजपा

2- रामजीलाल सुमन -गठबंधन

3- त्रिलोकी राम दिवाकर – कांग्रेस

4- भूपेंद्र सिंह – राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी
5- राजाराम – लोकदल

6- दिनेश साईं – निर्दलीय

7- तिलक सिंह – निर्दलीय

8- हर सवरूप – सरपंच समाज पार्टी

राजवीर सिंह दिलेर – प्रत्याशी भाजपा

भाजपा ने हाथरस संसदीय क्षेत्र से इगलास के विधायक राजवीर सिंह दिलेर को प्रत्याशी घोषित किया है। 25 मार्च सोमवार की देर रात भाजपा की नौवीं सूची ने सभी को चौंका दिया था। पार्टी ने वर्तमान सांसद राजेश दिवाकर का टिकट काटते हुए दिलेर को टिकिट थमाया है। राजवीर सिंह दिलेर के पिता किशनलाल दिलेर हाथरस संसदीय क्षेत्र से चार बाद सांसद रह चुके है। उनके द्वारा इगलास में विगत दो वर्षों के दौरान विधायक रहते हुए किए गए कार्यों के गुणदोष के आधार पर मतदाता निर्णय लेंगे। शेष क्षेत्र में उनका चेहरा पूरी तरह से नया है।
रामजी लाल सुमन – प्रत्याशी सपा-बसपा व रालोद गठबंधन

हाथरस सीट से इस बार चुनाव में गठबंधन की तरफ से सपा के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन को टिकट दिया गया है। सुमन मुलायम सिंह यादव के करीबी है। हाथरस के सहपऊ इलाके का गांव बहरदोई सुमन का पैतृक है। सुमन को पिछली बार भी सपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन तब उन्हें सफलता नहीं मिली थी। इस बार गठबंधन के चलते यह तय है कि वह भाजपा व अन्य दलों को कड़ी चुनौती पेश करेंगे। सुमन काफी अनुभवी राजनेता हैं और चार बाद सांसद रह चुके हैं।
त्रिलोकी राम दिवाकर – प्रत्याशी कांग्रेस
त्रिलोकी राम दिवाकर राष्ट्रीय लोकदल से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हुए है। वह पूर्व में इगलास के विधायक भी रह चुके है। त्रिलोकी राम दिवाकर ने 22 मार्च को ही कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। वह 2012 में आरएलडी के टिकट पर इगलास के विधायक चुने गए थे, 2017 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने उनका टिकट काट दिया था। इस बार वह पहली दफा लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। त्रिलोकी राम दिवाकर मूल रूप से हाथरस जिले की सादाबाद तहसील के ऊंचागांव, रसमई के निवासी है। वह भारत सरकार में लेखा एवं परिक्षण विभाग में अधिकारी पद से सेवनिवृत्त होने के बाद राजनीति में सक्रिय हुए।
लोकसभा चुनाव — 1999
प्रत्याशी का नाम —- पार्टी —– मिले वोट —– वोट प्रतिशत
किशन लाल दिलेर —- भाजपा — 1,78,253 —– 38.77
गंगा प्रसाद पुष्कर —- बसपा —- 1,09,846 —- 23.39
डॉ बंगाली सिंह —– सपा —- 107548 — 23.39
रामगोपाल — कांग्रेस —-62,712 —- 13.64

लोकसभा चुनाव — 2004
प्रत्याशी का नाम —- पार्टी —– मिले वोट —– वोट प्रतिशत
किशन लाल दिलेर —- भाजपा — 1,75,253 —– 38.77
रामवीर सिंह भैयाजी —- बसपा —- 1,52 ,846 —- 23.39
विमलापाल —– सपा —- 1,18,826 — 23.39
रामगोपाल — कांग्रेस —-62,712 —- 13.64

लोकसभा चुनाव — 2009

प्रत्याशी का नाम —- पार्टी —– मिले वोट —– वोट प्रतिशत
सारिका सिंह बघेल —- रालोद — 2,47,927 —– 38.23
राजेन्द्र कुमार —- बसपा —- 2,11,075 —- 32 .39
अनार सिंह —– सपा —- 1,15,575 — 17.76
प्रदीप चंदेल — कांग्रेस —-57,575 —- 8.87


लोकसभा चुनाव — 2014
भाजपा से राजेश दिवाकर विजयी हुए थे — 544277
दूसरे स्थान पर बसपा के मनोज सोनी थे — 217891
तीसरे स्थान पर सपा के रामजीलाल सुमन रहे थे – 180891
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