वर्तमान सांसद का कटा टिकिट
लोकसभा चुनाव की इसबार की जंग में भाजपा ने वर्तमान सांसद राजेश दिवाकर का टिकट काटते हुए हाथरस संसदीय क्षेत्र से चार बार सांसद रह चुके हैं, किशनलाल दिलेर के पुत्र इगलास विधायक राजवीर सिंह दिलेर को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इगलास के पूर्व विधायक त्रिलोकी राम दिवाकर को हाथरस से चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है। सपा-बसपा व रालोद गठबंधन प्रत्याशी सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन पर दाव खेला है। पार्टी के प्रत्याशियों के राजनैतिक कदो से एहसास होता है कि यहां त्रिकोणीय संघर्ष होने वाला है।
लोकसभा चुनाव की इसबार की जंग में भाजपा ने वर्तमान सांसद राजेश दिवाकर का टिकट काटते हुए हाथरस संसदीय क्षेत्र से चार बार सांसद रह चुके हैं, किशनलाल दिलेर के पुत्र इगलास विधायक राजवीर सिंह दिलेर को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इगलास के पूर्व विधायक त्रिलोकी राम दिवाकर को हाथरस से चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है। सपा-बसपा व रालोद गठबंधन प्रत्याशी सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन पर दाव खेला है। पार्टी के प्रत्याशियों के राजनैतिक कदो से एहसास होता है कि यहां त्रिकोणीय संघर्ष होने वाला है।
प्रत्याशी को लेकर भाजपा में रहीं काफी कश्मकश
राजवीर वर्तमान में इगलास विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। इसका कुछ हिस्सा हाथरस लोकसभा में क्षेत्र के अंतगर्त आता है। उनके द्वारा इगलास में विगत दो वर्षों के दौरान विधायक रहते हुए किए गए कार्यों के गुणदोष के आधार पर मतदाता निर्णय लेंगे। शेष क्षेत्र में उनका चेहरा पूरी तरह से नया है। वर्तमान में केवल पिता के नाम पर ही चुनाव जीता नहीं जा सकता। अंतिम दौर में प्रत्याशी के नाम पर पार्टी हाईकमान का फैसला यह दर्शता है कि इस सीट पर पार्टी के अंदर काफी कश्मकश है। कांग्रेस प्रत्याशी त्रिलोकी भी इगलास विधानसभा से पूर्व विधायक है और वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे है। सपा-बसपा व रालोद गठबंधन के प्रत्याशी रामजी लाल सुमन सपा के कद्दावर नेता है। देखना यह है कि इस त्रिकोणीय संघर्ष में बिगुल कौन बजाता है।
राजवीर वर्तमान में इगलास विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। इसका कुछ हिस्सा हाथरस लोकसभा में क्षेत्र के अंतगर्त आता है। उनके द्वारा इगलास में विगत दो वर्षों के दौरान विधायक रहते हुए किए गए कार्यों के गुणदोष के आधार पर मतदाता निर्णय लेंगे। शेष क्षेत्र में उनका चेहरा पूरी तरह से नया है। वर्तमान में केवल पिता के नाम पर ही चुनाव जीता नहीं जा सकता। अंतिम दौर में प्रत्याशी के नाम पर पार्टी हाईकमान का फैसला यह दर्शता है कि इस सीट पर पार्टी के अंदर काफी कश्मकश है। कांग्रेस प्रत्याशी त्रिलोकी भी इगलास विधानसभा से पूर्व विधायक है और वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे है। सपा-बसपा व रालोद गठबंधन के प्रत्याशी रामजी लाल सुमन सपा के कद्दावर नेता है। देखना यह है कि इस त्रिकोणीय संघर्ष में बिगुल कौन बजाता है।