शहर से सटी गंगानगर बस्ती में रामू का परिवार रहता है। रामू रिक्शा चलाकर अपना घर चलता है। उसके परिवार में 11 लोग हैं जो झोपड़ी डालकर जीवन व्यापन कर रहे हैं। जिले के मुरसान ब्लॉक की गढ़ी तमना में भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां शांतिस्वरूप और उनकी पत्नी एमएलए देवी का परिवार रहता है। शांतिस्वरूप के परिवार में कुल चार लोग है, जोकि झोपड़ी में रहते हैं। शांतिस्वरूप की पत्नी की मानें तो प्रधान से लेकर सरकारी दफ्तरों में आवास के लिए पैसे मांग चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। वहीं जिले में तमाम जगह लोग अपना गुजारा रामू और शांतिस्वरूप के परिवार की तरह ही कर रहे हैं।
इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि वांछित परिवारों के नाम योजना में जोड़ने की कार्रवाई चल रही है। जिला परियोजना निदेशक चंद्रशेखर शुक्ल का कहना है कि दो साल पूर्व शुरू हुई। इस योजना में जिले में 447 लाभार्थियों का चयन किया गया है। इनमें से 426 आवास बन भी चुके हैं। योजना में लाभार्थियों को आवास के लिए तीन किश्तों में एक लाख बीस हज़ार रुपया मिलता है। योजना में शांतिस्वरूप और रामू जैसे लोगों के नाम न आने के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति पात्र है और उसका नाम सर्वे में छूट गया है तो उसका नाम जोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।