मोबाइल में नेटवर्क न रहने पर भी आरबीएसके के डाक्टर और पैरामेडिकल अपनी उपस्थिति व आंकड़े आफलाइन दर्ज कर सकेंगे। जैसे ही टीम नेटवर्क एरिया में आएगी, सभी आंकड़ें प्रेषित हो जाएंगे।
National Rural health mission
हाथरस। सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में जाने वाले बच्चों की सेहत के लिए एक अच्छी खबर है। अब इन बच्चों की सेहत का ख्याल रखने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) का नया ऐप (एप्लीकेशन) लागू किया गया है। यह ऐप एक-एक बच्चे की सेहत की मॉनीटरिंग में काम आएगा। जनपद में इस एप्प को लेकर डेढ़ सौ से ज्यादा आरबीएसके के चिकित्सक व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
शतप्रतिशत काम होगा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) व नोडल अधिकारी डॉ. विजेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में नये ऐप को लागू कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य आरबीएसके योजना में परर्फामेंस सुधारना है। इस ऐप में मोबाइल टीम अपने द्वारा चिह्नित उन बाल मरीजों का लगातार फॉलोअप कर सकेंगी जिनकों उन्होंने फील्ड से इलाज के लिए रेफर किया था। कोई भी बच्चा इलाज से वंचित नहीं रह पाएगा। उन्होंने बताया कि इस ऐप के कारण न केवल आरबीएसके टीम को माइक्रोप्लान का शतप्रतिशत पालन करना होगा, बल्कि शिक्षा विभाग और जिला कार्यक्रम विभाग को दो दिन पहले टीम पहुंचने की सूचना मिल जाएगी जिससे वे लोग भी शतप्रतिशत बच्चों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में सक्षम होंगे।
Health mission ” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/10/29/1_4_4537837-m.jpg”>38 प्रकार के रोगों का विवरण डॉ. सिंह ने बताया कि नये ऐप में 38 प्रकार के रोगों का डिटेल है। जिले के ब्लाकों में मोबाइल टीम जब स्कूलों पर बच्चों के सेहत की जांच करेगी तो बच्चों में कौन सी गंभीर बीमारी है, इसका विवरण एप्प में दर्ज हो जाएगा। जिन बच्चों को रेफर किया गया, उनमें से कितने अस्पताल नहीं पहुंचे यह भी देखा जा सकेगा। इससे फायदा यह होगा कि कोई भी बच्चा छूटने नहीं पाएगा और सभी का फॉलोअप होगा। ऐप में वे सभी सुधार किए गए हैं जिनसे आरबीएसके के लोग अच्छी परर्फामेंस दे सकें।
आरबीएसके के नये ऐफ की खासियत मोबाइल में नेटवर्क न रहने पर भी आरबीएसके के डाक्टर और पैरामेडिकल अपनी उपस्थिति व आंकड़े आफलाइन दर्ज कर सकेंगे। जैसे ही टीम नेटवर्क एरिया में आएगी, सभी आंकड़ें प्रेषित हो जाएंगे। डीएम, सीएमओ, नोडल अधिकारी, बीएसए, डीपीओ, सीएचसी अधीक्षक, प्रभारी चिकित्साधिकारी, एबीएसए, सीडीपीओ डीईआईसी मैनेजर और स्टेट के लोग भी कभी भी ऐप से बच्चों के इलाज के लिए गई टीम का डिटेल जान सकेंगे।
बेहतरीन ऐप है डॉ. विजेंद्र सिंह ने बताया कि आरबीएसके के लिए लागू किए गए नये ऐप का प्रशिक्षण जनपद में दिया जा चुका है। यह ऐप फंक्शनल हो रहा है। सर्वर संबंधी कुछ तकनीकी दिक्कतें आईं हैं तो उनको ठीक भी किया जा रहा है। यह ऐप अति शीघ्र पूरे जिले में लागू हो जाएगा। हमे पूरी उम्मीद है कि बच्चों की सेहत के लिए यह एप्प बेहतरीन ऐप साबित होगा।