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हाथरस के कवि की फेसबुक वॉल पर लिखी कविताएं छपी लंदन में

locationहाथरसPublished: Nov 16, 2017 08:51:22 am

लंदन में काम करने वाले एक भारतीय, जिनकी अंग्रेजी साहित्य में काफी दिलचस्पी है, लोकेंद्र की कविताओं के फैन हो गए।

lokendra Paurush
हाथरस। वैसे तो हाथरस शहर कवियों की नगरी के नाम से जाना जाता है, हाथरस के काका हाथरसी ने अपनी हास्य की कविताओं से देश में नहीं विदेशों में भी शहर का नाम रोशन किया था। हाथरस के एक और कवि ने लंदन तक अपना झंडा गाड़ा है। यहां के एक कवि की फेसबुक वॉल पर लिखी अंग्रेजी की कविताएं (पोइट्री) लंदन के एक मशहूर प्रकाशन को इतनी पसंद आईं, कि उसने इस कवि की कविताओं का एक नहीं, बल्कि दो कविता संग्रह प्रकाशित किए हैं। यह पब्लिकेशन कविता संग्रह की बिक्री से मिल रही रॉयल्टी भी कवि लोकेंद्र पौरुष को लगातार भेज रहा है।

कवि की यह है पृष्ठ भूमि

45 वर्षीय लोकेंद्र पौरुष शहर के खोंडा हजारी इलाके के रहने वाले हैं। 1994 में बागला डिग्री कॉलेज से अंग्रेजी में एमए करने के दौरान ही उनकी पहली कविता कॉलेज की मैगजीन में प्रकाशित हुई थी। लोकेंद्र ने पत्रकारिता और अंग्रेजी में क्रिएटिव राइटिंग की शिक्षा ली। इसके बाद उनका चयन नवोदय विद्यालय में शिक्षक के तौर पर हो गया। फिलहाल वह सिकंदराराऊ के अगसौली स्थित नवोदय विद्यालय में छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी पढ़ाते हैं। लोकेंद्र का कहना है कि अंग्रेजी कविताएं पढ़ने के शौक ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया।
लन्दन में प्रवासी भारतीय ने दिलाया यह मुकाम

लंदन में काम करने वाले एक भारतीय, जिनकी अंग्रेजी साहित्य में काफी दिलचस्पी है, लोकेंद्र की कविताओं के फैन हो गए। उन्होंने ही लोकेंद्र की रचनाओं को लंदन के मशहूर एफएनवी पब्लिकेशन तक पहुंचाया। पब्लिकेशन ने बीते साल लोकेंद्र पौरुष का कविता संग्रह ‘ऑन द विंग्स ऑफ लव’ प्रकाशित किया जो रोमांस और फिलॉसफी पर आधारित था।

पब्लिकेशन ने दिया उन्हें लन्दन आने का मौका

इस कविता संग्रह की सफलता से उत्साहित पब्लिकेशन ने चंद रोज पहले (नवंबर में ही) लोकेंद्र का दूसरा कविता संग्रह ‘ए फेक स्टोन’ प्रकाशित किया है, जो जीवन की फिलॉसफी पर आधारित है। कविता संग्रह के प्रकाशन में लोकेंद्र पौरुष का कोई भी खर्च नहीं हुआ। उन्हें लाखों की रॉयल्टी भी मिल गई जो आगे भी जारी रहेगी। प्रकाशक ने लोकेंद्र को लंदन आने का न्यौता भी दिया है।

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