ये था पूरा मामला
नववर्ष के मौके पर जब लोग जश्न में डूबे हुए थे तब चोरों ने इस घटना को अंजाम दिया। चोर मंगलायतन के पास लगी पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम मशीन को ही चुरा कर ले गए। हैरानी की बात ये है कि घटना स्थल से करीब 100 मीटर दूरी पर ही पुलिस चौकी थी, लेकिन इसकी जानकारी न तो पुलिस को हुई और न ही मंगलायतन और एसआईपीएल के कर्मचारियों को। दो जनवरी को बैंक कर्मचारियों को एटीएम मशीन गायब होने का पता चला लेकिन उन्होंने इस बारे में पुलिस को सूचना नहीं दी। पुलिस को घटना की जानकारी तीन जनवरी की दोपहर को हुई, जब एटीएम इंचार्ज सुनील कुमार नगला लच्छी एवं अन्य कर्मचारियों ने एटीएम की खाली जगह के फोटो व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजे। फोटो देखकर पुलिस विभाग में हडकंप मच गया। तभी एडिश्नल एसपी, क्षेत्राधिकारी हाथरस , क्षेत्राधिकारी सादाबाद आदि डॉग स्क्वायड के साथ मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का मुआयना किया।
नववर्ष के मौके पर जब लोग जश्न में डूबे हुए थे तब चोरों ने इस घटना को अंजाम दिया। चोर मंगलायतन के पास लगी पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम मशीन को ही चुरा कर ले गए। हैरानी की बात ये है कि घटना स्थल से करीब 100 मीटर दूरी पर ही पुलिस चौकी थी, लेकिन इसकी जानकारी न तो पुलिस को हुई और न ही मंगलायतन और एसआईपीएल के कर्मचारियों को। दो जनवरी को बैंक कर्मचारियों को एटीएम मशीन गायब होने का पता चला लेकिन उन्होंने इस बारे में पुलिस को सूचना नहीं दी। पुलिस को घटना की जानकारी तीन जनवरी की दोपहर को हुई, जब एटीएम इंचार्ज सुनील कुमार नगला लच्छी एवं अन्य कर्मचारियों ने एटीएम की खाली जगह के फोटो व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजे। फोटो देखकर पुलिस विभाग में हडकंप मच गया। तभी एडिश्नल एसपी, क्षेत्राधिकारी हाथरस , क्षेत्राधिकारी सादाबाद आदि डॉग स्क्वायड के साथ मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का मुआयना किया।
पैसों की गुत्थी में उलझी पुलिस
उस दौरान एसआईपीएल ब्रांच मैनेजर ओंकार सिंह ने बताया था कि एटीएम में करीब 9 लाख 48 हजार 500 रूपये थे। मगर पुलिस ने जब डिटेल खंगाली तो बताई गई राशि की पुष्टि नहीं हो सकी । सही राशि का पता न चलने से पुलिस को ये गुत्थी सुलझाने में थोड़ी समस्या हो रही है। वहीं इस मामले में बैंक अधिकारी कुछ भी बताने से बच रहे हैं।
उस दौरान एसआईपीएल ब्रांच मैनेजर ओंकार सिंह ने बताया था कि एटीएम में करीब 9 लाख 48 हजार 500 रूपये थे। मगर पुलिस ने जब डिटेल खंगाली तो बताई गई राशि की पुष्टि नहीं हो सकी । सही राशि का पता न चलने से पुलिस को ये गुत्थी सुलझाने में थोड़ी समस्या हो रही है। वहीं इस मामले में बैंक अधिकारी कुछ भी बताने से बच रहे हैं।