14 सितंबर को गैंगरेप का शिकार हुई पीडि़ता के भाई ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हमारी बात सुने बिना बहन का जबरन अंतिम संस्कार करा दिया। इस बयान के बाद कांग्रेस, भीम आर्मी और अन्य संगठनों ने योगी सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया। दिल्ली में अस्पताल के बाहर भी जमकर प्रदर्शन हुआ। मामले की सुनवाई फास्ट कोर्ट में कराकर आरोपियों को फांसी देने की मांग की गयी। जगह-जगह तोडफ़ोड़ हुई।
मेडिकल रिपोर्ट में रेप की स्थिति साफ नहीं अलीगढ़ मंडल के आईजी पीयूष मोर्डिया ने बताया कि पीडि़ता के बयान पर रेप का केस दर्ज था। लेकिन, जेएन मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट में रेप की पुष्टि की स्थिति साफ नहीं है। 26 सितंबर को सैंपल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेजी गयी है। जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
पीडि़त परिवार को दस लाख की मदद डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने बताया कि पीडि़ता का 22 सितंबर को बयान लिया गया था। जिसके आधार पर गैंगरेप की धारा 376 डी जोड़ी गई थी। मामले में चार आरोपी जेल में हैं जिनके खिलाफ अब आईपीसी की धारा 302 (हत्या) भी जोड़ी जाएगी। सीएम ने इनके खिलाफ फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मुक़दमा चलाकर जल्द से जल्द सजा दिलाने का भी आदेश दिया है। पीडि़त परिवार को 10 लाख की सरकारी मदद दे दी गयी है।
सात दिन में मांगी रिपोर्ट योगी आदित्यनाथ ने गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी टीम गठित की गयी है। जिसमें डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम सदस्य हैं। सीएम योगी ने मामले में सात दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
पथराव के बाद पुलिस ने किया लाठीचार्ज घटना से आक्रोशित वाल्मीकि समाज के लोगों ने शहर के अंदर बाजार को बंद करा दिया। सफाईकर्मियों ने काम बंद करते हुए हड़ताल शुरू कर दी। वाल्मीकि समाज ने आक्रोशित होते हुए जमकर पत्थरबाजी की। इस दौरान बाइक में आग लगाने की कोशिश की गई। मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने दलित समाज के लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट कार्रवाई करे:मायावती बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि पुलिस द्वारा दलित पीडि़ता के शव को उसके परिवार को नहीं सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व गैर-मौजूदगी में आधी रात को अंतिम संस्कार कर देना लोगों में संदेह व आक्रोश पैदा करता है। सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
सबूत मिटाने का निंदनीय कृत्य:अखिलेश समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बलात्कार हत्याकांड में शासन के दबाव में परिवार की अनुमति के बिना रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना संस्कारों के विरुद्ध है। ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है।
सीएम योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दें: प्रियंका गांधी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन हाथरस की पीडि़ता के शरीर को यूपी प्रशासन ने जबरन जला दिया। पीडि़ता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया। यह घोर अमानवीयता है।