शीशे के बाहर जाली लगी हो डीएम ने कहा कि बच्चे जिस स्कूल बस में आ जा रहे है। उस स्कूल बस के ड्राइवर तथा कन्डक्टर की एलआईयू अवश्य करा लें। साथ ही उसके आस पास के लोगों से उसकी हरकतों के बारे में जानकारी कर लें। बच्चे जिस बस तथा टैक्सी से स्कूल आते है। उसके सुरक्षा के पूर्ण निर्धारित मानकों का पालन होना चाहिए। शीशे के बाहर जाली लगी हो। बस को निर्धारित मानक गति 40 किमी0 प्रति घंटे की दर से ही चलाये। बसों में आपातकालीन खिड़की तथा अग्रिशमन यंत्र के छोटे सिलेन्डर अवश्य होने चाहिये। समय समय पर ड्राइवरों तथा कन्डक्टरों की काउन्सलिंग करते रहे। बसों में स्कूली बच्चों के अलावा अन्य व्यक्ति की यात्रा न कराये।
स्कूल में आने जाने वालो की रखी पूरी जानकारी
स्कूल में आने जाने वालो की रखी पूरी जानकारी
कप्तान सुशील घुले ने कहा की हम सब को सुरक्षा के लिए केवल इतना ध्यान देने की आवश्यकता है कि स्कूल के बच्चे का साथ अपने बच्चों जैसा व्यवहार करें। यदि हम उन्हे अपने बच्चे समझेंगे तो सुरक्षा को पूरा कर लेंगे। स्कूल में विजटिंग रजिस्टर अवश्य बनाये। उसमें मिलने आने वाले व्यक्ति का नाम मो न तथा पहचान पत्र अवश्य रूप से देखे। जिससे किसी बाहरी व्यक्ति के द्वारा किये जा सकने वाले अपराध पर रोक लगायी जा सके। किसी भी व्यक्ति को स्कूल में काम पर रखते समय पुलिस वेरीफिकेशन अवश्य करा लें। स्कूल बसों पर संबंधित थानों के नम्बर महिला हेल्प लाइन न तथा शिकायत हेल्प अवश्य रूप से लगवाये।