सारिका बघेल का नाता इटावा जिले के लखुना विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक रह चुके दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले घासीराम के परिवार से है। सारिका इनकी धेवती है व फिरोजाबाद के सिरसागंज क्षेत्र के रहने वाले महेन्द्र सिंह की बेटी है। एमए अंग्रेजी तक शिक्षित सारिका का करीब दस साल पहले बघेल समाज के नेता गेंदालाल आर्य शिक्षक के पुत्र देवेन्द्र सिंह के साथ उनका विवाह हुआ। नाना के घर से विरासत में मिली सियासत को सारिका बघेल ने वर्ष 2009 में रालोद-भाजपा गठबंधन से रालोद के टिकट पर हाथरस से चुनाव जीती थीं। उन्होंने बसपा प्रत्याशी को हराया था। जब वह सांसद थीं, तब उन्होंने रालोद छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था। सपा ने उन्हें आगरा सुरक्षित सीट से उम्मीदवार भी बना दिया था, लेकिन बाद में सपा ने उनका टिकट काट दिया था।