क्या है मामला दरएसल थाना कोतवाली हाथरस जंक्शन क्षेत्र के गांव शेरपुर में मेघ सिंह को घर में कार्य करते हुए घोड़े ने लात मार दी जिससे मेघसिंह के पैर गंभीर चोट लग गयी। जिसके बाद मेघ सिंह को उसका बेटा उपचार के लिए हाथरस जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टरों ने घायल मेघ सिंह के पैर का एक्सरा लिखा जब मेघ सिंह का बेटा अपने घायल पिता को अपने कंधे पर बिठाकर एक्सरे कक्ष पंहुचा तो डॉक्टरों ने एक्सरे प्लेट ख़त्म हो जाने की बात कहते हुए मेघ सिंह का एक्सरा नहीं किया। जिसके बाद मेघ सिंह का परिवार घंटों घायल मेघ सिंह को अपने कंधे पर लेकर घूमता रहा लेकिन किसी ने भी घायल मेघ सिंह मदत नहीं की।
संवेदनहीन बने रहे लोग जिला अस्पताल में बेबस बेटा अपने लाचार पिता को कंधे पर डालकर इधर उध घूमता रहा, कभी एमरजेंसी तो कभी एक्सरे रूम लेकिन जिला अस्पताल का स्टाफ चिकित्सक और वहां मौजूद दर्जनों लोग उसे देखकर भी अनजान बने रहे। न तो स्टाफ ने उसे सहयोग दिया और न किसी आम व्यक्ति ने, जबकि जिला अस्पताल में कई स्ट्रेचर मौजूद हैं। मगर ज्यादातर स्ट्रेचर पर सामान रखा रहता है। वहां मौजूद लोगों में से किसी ने भी इतनी जरुरत नहीं समझी कि उस व्यक्ति की मदद कर और उसे सहारा देकर उसका इलाज करा पाए। स्टाफ में से किसी भी डॉक्टर या कंपाउंडर आदि ने विकलांग पिता की तरफ ध्यान ही नहीं दिया।
सीएमएस ने दिए जांच के आदेश जिला अस्पताल में संवेदनहीनता की इस घटना के बारे में जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ आई वी सिंह से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी उन्हें नहीं है, अगर ऐसा हुआ है तो जांच कराई जाएगी और जांच में दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिला अस्पताल में स्ट्रेचर पर्याप्त मात्रा में है। उस समय ड्यूटी पर कौन था यह भी पता लगाया जाएगा और अगर संवेदनहीनता की गई है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।