AMU प्रोफेसर पर लगा नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का आरोप
तीन तलाक (जिनका तलाक का केस फेमिली कोर्ट में चल रहा हो) व तलाक से पीड़ित महिलाओं को खर्च तो सुसराल पक्ष से मिल जाता है। लेकिन उनके इलाज की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं होता है, इस कारण कई बार गंभीर बीमारी के वक्त ऐसी महिलाओं की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो जाती है। लिहाजा इन महिलाओं की दशा को सुधारने के लिये हाथरस समेत प्रदेश के सभी जनपदों में ऐसी महिलाओं को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान से जोड़ने का कार्य चल रहा है।दो पक्षों में फायरिंग, एक व्यक्ति को लगी गोली
डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रभात सिंह ने बताया शासन से मिले पत्र में कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी गयी है। इसमें ऐसी महिलाओं का नाम, माता पिता का नाम, आयु, लिंग, पता, मोबाइल नम्बर, आधार कार्ड, राशन कार्ड का ब्योरा मांगा गया है। उन्होंने कहा यह निश्चित रूप से परित्यक्ता व तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं के लिये मुख्यमंत्री की सौगात है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजना से जुड़ी टीम को ऐसी महिलाओं को डाटा एकत्र करने में जुट गई हैं।