scriptग्रामीणों ने किया मतदान बहिष्कार का ऐलान, ‘पानी दो और वोट लो’ का नारा किया बुलंद | Villagers declared boycott Election voting latest news in hindi | Patrika News
हाथरस

ग्रामीणों ने किया मतदान बहिष्कार का ऐलान, ‘पानी दो और वोट लो’ का नारा किया बुलंद

ग्रामीणों मे मीठे पानी की मांग पूरी करवाने के लिए मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है।
 

हाथरसDec 18, 2018 / 07:45 pm

अमित शर्मा

Protest

ग्रामीणों ने किया मतदान बहिष्कार का ऐलान, ‘पानी दो और वोट लो’ का नारा किया बुलंद

हाथरस। जनपद के 61 गांव में खारेपानी की समस्या से परेशान ग्रामीणों ने आगामी चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। ग्रामीणों के साथ ग्राम प्रधान ने भी मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है। मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है मीठे पानी की मांग पूरी करवाने के लिए। ग्रामीणों को मीठे पानी के लिए आठ आठ किलो मीटर दूर जा लाइनों में लगना पड़ता है अब ग्रामीणों ने बैनर लागा कर साफ कर दिया है कि पानी दो वोट लो।
भगवान भरोसे ग्रामीण

तीन राज्यों में करीबी हार के बाद भी भाजपा प्रतिनिधियों की नींद नहीं खुल रही है। इसकी एक बानगी भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस में देखने को मिल रही है। हाथरस जनपद में लगभग 61 गांव खारे पानी की समस्या से परेशान हैं, मीठे पानी की मांग करते हुए कई बार धरना प्रर्दशन हुआ, आधिकारियों से मुलाकात, सांसद और विधायकों के झूटे आश्वासन से परेशान हो ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान ही नहीं किया आमरण अनशन पर बैठ हवन यज्ञ कर गांव में मीठे पानी की भगवान से प्रार्थना की।
क्या कहना है ग्रामीणों का

दो दिन गुजरने के बाद भी इस अनशन स्थल पर न तो कोई अधिकारी ही आया न कोई जनप्रतिनिधि। एमबीए की डिग्री लेने वाला युवा किसी नौकरी को छोड़ कर गांव में पानी की समस्या ले कई माह से शासन प्रशासन की जंग लड़ रहा है। आज अनशन पर बैठे चन्द्रपाल का कहना है कि उन्होंने हाथरस विधायक हरी शंकर माहौर, सांसद राजेश दिवाकर के साथ मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ व केन्द्रीय मन्त्रियों से भी मुलाकात कर शिकायत की लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं जाता। जिलाधिकारी कहते हैं प्रस्तवा भेज दिया है। शासन स्तर से इसे मंजूरी मिलनी है, कई माह से सभी को जगा लिया कोई नहीं जागा तो हमने इन सभी का साथ छोड़ पूर्ण चुनाव बहिष्कार कर दिया है। अब इन गांव के लोग शासन और प्रशासन से अपनी समस्याओं के निस्तारण की मांग नहीं करेंगे। अब हम भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि प्रभु हमें पानी दे दो या मौत दे दो।
वहीं इस धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है जब सरकार और अधिकारी हमारी समस्या का निस्तारण कर ही नहीं सकते तो हम वोट क्यों दें। अब हम सब भगवान के भरोसे है। उन्हीं से गांव में मीठे पानी की प्रार्थना कर रहे हैं, गांव के लोग ही नहीं कुछ ग्राम प्रधान भी इस बहिष्कार में शामिल हो कर प्रभु से पानी की मांग कर रहे हैं। ग्राम प्रधान का कहना है कि लिखित मौखिक शिकायत कई बार आला अधिकारियों के साथ विधायक सांसद मुख्यमन्त्री से की है लेकिन किसी ने कार्रवाई को अमल में नहीं लाया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो