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World Cancer Day: 30 से 35 की उम्र में महिलाओं को होता है गर्भाशय कैंसर का खतरा, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज!

locationहाथरसPublished: Feb 03, 2020 05:45:01 pm

Submitted by:

suchita mishra

 
70 में से एक महिला को गर्भाशय का कैंसर होता है। इसका मुख्य कारण समय पर बीमारी का पता न चलना है।

हाथरस। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही लोगों का दिल कांप उठता है। ज्यादातर इस बीमारी का पता लोगों को तब चल पाता है जब ये दूसरी या तीसरी स्टेज पर पहुंच जाती है। ऐसे में व्यक्ति की स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है। आजकल ये जानलेवा बीमारी पूरी दुनिया में तेजी से पैर पसार रही है। इसको नियंत्रित करने व लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरुक करने के लिए हर साल 4 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) मनाया जाता है।
देर से सामने आते गर्भाशय कैंसर के लक्षण
हाथरस में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बृजेश राठौर ने कैंसर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए सावधानी व सतर्कता बेहद जरुरी है। इससे बचाव के लिए इसके तमाम कारणों और लक्षणों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। कैंसर के कुछ प्रकार ऐसे होते हैं, जिनमें बीमारी का पता बहुत देर से चलता है, तब तक स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी होती है। उनमें से एक है गर्भाशय कैंसर। आंकड़े बताते हैं कि 70 में से एक महिला को गर्भाशय का कैंसर होता है। इसका मुख्य कारण समय पर बीमारी का पता न चलना है। ऐसे में लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक होना बहुत जरूरी है।
30 से 35 साल के बीच सर्वाधिक खतरा
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि विकासशील देशों में महिलाओं को गर्भाशय कैंसर के होने की आशंका 15 गुना तक ज्यादा होती है। 30 से 35 साल की उम्र की महिलाओं में यह सर्वाधिक होने वाला कैंसर है। गर्भाशय कैंसर से बचाव के लिए समय समय पर जांच कराना जरूरी है। लेकिन हर जगह इसकी पारंपरिक स्मियर जांच उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यदि यूरिन जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके, तो कई महिलाओं की जिंदगी बचाई जा सकती है। इसकी जांच में प्री-कैंसर स्टेज का भी पता चलता है। यानी कैंसर होने के 5-10 साल पहले ही जांच से इसका पता लगाया जा सकता है। इसलिए जांच की बेहतर सुविधा कई जिंदगियां बचा सकती है।
उन्होने बताया आज के युग में, महिलाओं में स्तन कैंसर मौत का सबसे बड़ा कारण है स्तन कैंसर के बहुत से लक्षण हैं जो की शुरूआती दिनों में जाँचे जाने पर इलाज किये जा सकते हैं।
महिलाएं इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

1- स्तन या शरीर के किसी अन्य भाग में कड़ापन या गांठ।
2- एक नया तिल या मौजूदा तिल में परिवर्तन।
3- कोई ख़राश जो ठीक नहीं हो पाती।
4- स्वर बैठना या खांसी न हटना।
5- आंत्र या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन।
6- खाने के बाद असुविधा महसूस करना।
7- निगलने के समय कठिनाई होना।
8- वजन में बिना किसी कारण के वृद्धि या कमी।
9- असामान्य रक्तस्राव या डिस्चार्ज।
10- कमजोर लगना या बहुत थकावट महसूस करना।
ऐसे करें बचाव
— तंबाकू उत्पादों का प्रयोग न करें।
— कम वसा वाला भोजन करें।
— सब्जी, फलों और समूचे अनाजों का उपयोग अधिक करें।
— नियमित व्यायाम करें।
— पानी खूब पीएं।

विश्व कैंसर दिवस का इतिहास
विश्व कैंसर दिवस वर्ष 1993 में जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल के द्वारा मनाया गया था। इस दिन को मनाने का प्राथमिक उद्देश्य कैंसर पीड़ित व्यक्तियों की संख्या को कम करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है। इस दिन के माध्यम से कैंसर जैसी घातक बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक व शिक्षित किया जाता है। इसके लिए वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक के लिए विश्व कैंसर दिवस की थीम ‘मैं हूं और मैं रहूंगा’ (I Am and I Will) रखी गई है।

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