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Jharkhand Police का मानवीय चेहरा आया सामने, 2 दिन में 30 हजार लोगों को खिलाया खाना

locationहजारीबागPublished: Mar 29, 2020 04:38:04 pm

Submitted by:

Prateek

झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने लॉकडाउन के दौरान सामुदायिक रसोई की शुरुआत करने का निर्णय लिया और इस फैसले के दो दिनों के दौरान करीब 30 हजार गरीबों को पुलिस के जवानों ने भोजन उपलब्ध कराया (Jharkhand Police Gave Food 30 Thousand People In Two Days) है…

Jharkhand Police का मानवीय चेहरा आया सामने, 2 दिन में 30 हजार लोगों को खिलाया खाना

Jharkhand Police का मानवीय चेहरा आया सामने, 2 दिन में 30 हजार लोगों को खिलाया खाना

(चतरा,हजारीबाग): कोरोना वायरस की वैश्विक समस्या के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान पुलिस एक नई भूमिका में नजर आ रही है। विधि-व्यवस्था संभालने के साथ ही गरीबों और जरुरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने की मिली जिम्मेदारी से पुलिस का एक बेहतर मानवीय चेहरा सामने आया है।

 

झारखंड सरकार ने लॉकडाउन के दौरान सामुदायिक रसोई की शुरुआत करने का निर्णय लिया और इस फैसले के दो दिनों के दौरान करीब 30 हजार गरीबों को पुलिस के जवानों ने भोजन उपलब्ध कराया है। पुलिस महानिदेशक एमवी राव की पहल पर राज्य के 237 थानों में सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है। थाना परिसर में ही लोगों को दूरी बनाए रखकर भोजन उपलब्ध कराया गया। पुलिस की भूमिका इतने में ही खत्म नहीं हो रही है, बल्कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले जरुरतमंद परिवारों को भी खोज-खोज कर उन तक राशन और भोजन पहुंचाने का काम किया जा रहा है। सामुदायिक रसोई की इस पहल से लोगों का विश्वास पुलिस पर बढ़ा है।


चतरा जिले की पुलिस भी आम लोगों को लॉकडाउन का पालन करवाने के साथ-साथ सामुदायिक पुलिसिंग के तहत गरीब-गुरबा और असहायों की मदद करने में जुटी है। लॉकडाउन में घर के बाहर फंसे गरीबों औऱ असहायों के लिए चतरा पुलिस ने सदर थाना परिसर में सामुदायिक रसोई की शुरुआत की है। पहले दिन सामुदायिक रसोई में चतरा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वरुण रजक, सदर थाना प्रभारी प्रमोद पाण्डे व अन्य पुलिस कर्मियों ने गरीब और असहायों के बीच स्वयं से खाना परोसा। सामुदायिक पुलिसिंग पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वरुण रजक ने बताया कि सामुदायिक रसोई के तहत प्रत्येक दिन गरीबों को खाना खिलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त दूसरे जगहों के बेघर गरीब परिवारों को लॉकडाउन के तहत 20 बेड के आश्रय की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि सामुदायिक रसोई में सोशल डिस्टेंस का भी ख्याल रखा जा रहा है। इसके अलावा जिले के अन्य प्रखंडों में भी सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की जा रही है।

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