झारखंड सरकार ने लॉकडाउन के दौरान सामुदायिक रसोई की शुरुआत करने का निर्णय लिया और इस फैसले के दो दिनों के दौरान करीब 30 हजार गरीबों को पुलिस के जवानों ने भोजन उपलब्ध कराया है। पुलिस महानिदेशक एमवी राव की पहल पर राज्य के 237 थानों में सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है। थाना परिसर में ही लोगों को दूरी बनाए रखकर भोजन उपलब्ध कराया गया। पुलिस की भूमिका इतने में ही खत्म नहीं हो रही है, बल्कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले जरुरतमंद परिवारों को भी खोज-खोज कर उन तक राशन और भोजन पहुंचाने का काम किया जा रहा है। सामुदायिक रसोई की इस पहल से लोगों का विश्वास पुलिस पर बढ़ा है।
चतरा जिले की पुलिस भी आम लोगों को लॉकडाउन का पालन करवाने के साथ-साथ सामुदायिक पुलिसिंग के तहत गरीब-गुरबा और असहायों की मदद करने में जुटी है। लॉकडाउन में घर के बाहर फंसे गरीबों औऱ असहायों के लिए चतरा पुलिस ने सदर थाना परिसर में सामुदायिक रसोई की शुरुआत की है। पहले दिन सामुदायिक रसोई में चतरा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वरुण रजक, सदर थाना प्रभारी प्रमोद पाण्डे व अन्य पुलिस कर्मियों ने गरीब और असहायों के बीच स्वयं से खाना परोसा। सामुदायिक पुलिसिंग पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वरुण रजक ने बताया कि सामुदायिक रसोई के तहत प्रत्येक दिन गरीबों को खाना खिलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त दूसरे जगहों के बेघर गरीब परिवारों को लॉकडाउन के तहत 20 बेड के आश्रय की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि सामुदायिक रसोई में सोशल डिस्टेंस का भी ख्याल रखा जा रहा है। इसके अलावा जिले के अन्य प्रखंडों में भी सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की जा रही है।