प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के इचाक प्रखंड के बरकाकला गांव निवासी 45 वर्षीय कमल रजक की मौत गुजरात के गांधीनगर में हो गई। वह लॉकडाउन लागू होने के चार दिन पहले 18 मार्च को मजदूरी करने गुजरात गया था। इस बीच कोरोना प्रकोप के कारण पूर्णतः तालाबंदी लागू रहने के कारण शव पैतृक गांव नहीं लाया जा सका और दोनों बेटे पिता की अर्थी को कंधा भी नहीं दे सके। मृतक की पत्नी और बेटों ने व्हाट्सएप पर अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की और मुखाग्नि दी।
बेसहारा हुआ परिवार…
मृतक के परिजनों ने बताया कि घर की आर्थिक हालत दयनीय होने के कारण वे मजदूरी करने गुजरात गए थे, वहां पहुंचते ही कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन में काम नहीं मिला फिर बीमारी ने ऐसा जकड़ा की प्राण गवाना पड़ गया। कमल के दोस्तों ने बताया कि उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई,जिसके बाद उसे निकट के अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई। कमल अकेला घर का कमाऊ सदस्य था। उसके गुजर जाने से दो नाबालिग पुत्र और पत्नी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।