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झारखंड: पांच लाख बच्चों में से वैज्ञानिक तरीके से होगा खेल प्रतिभा का चयन- आलोक कुमार

locationहजारीबागPublished: Sep 09, 2018 02:57:59 pm

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Prateek

आलोक कुमार ने उम्मीद जतायी कि ओलंपिक 2024 में जेएसएसपीएस के अकादमी से कई खिलाड़ी हिस्सा लेंगे…

alok kumar

alok kumar

(पत्रिका ब्यूरो,रांची): झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएसपीएस) के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) आलोक कुमार ने कहा कि विभिन्न खेल अकादमी में नामांकन के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। नामांकन प्रक्रिया में इस बार पांच लाख बच्चों तक पहुंचने की योजना है और पूरी पारदर्शिता के साथ वैज्ञानिक तरीके से खेल प्रतिभा का चयन किया जाएगा।


वीडियो रिकॉर्डिंग से रखी जा रही खिलाडियों पर नजर

आलोक कुमार ने विशेष साक्षात्कार में बताया कि खेल प्रतिभाओं का चयन बच्चों में मौजूद विभिन्न गुणों को देखकर किया जाता है, यह पूरी तरह से वैज्ञानिक होता है और वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से बच्चों में छिपी प्रतिभाओं की तलाश की जाती है, फिर उनके गुण को ध्यान में रखते हुए उन्हें उनकी विशेषता के अनुरूप विभिन्न स्पर्धाओं के लिए तैयार किया जाता है। चयनित होने वाले लगभग 350 बच्चों को अभी 9 अकादमी के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है।

 

बच्चों की दी जा रही स्पेशल सुविधाएं

उन्होंने बताया कि जेएसएसपीएस खेल अकादमी में नामांकन लेने वाले बच्चों के लिए पूरी तरह से निःशुल्क रहने, खाने-पीने, पढ़ाई और खेल के सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा रहे है। उन्होंने बताया कि अकादमी में इस तरह की व्यवस्था की गयी है, जिसमें किसी पैरवी पुत्र-पुत्री के लिए कोई गुंजाईंश नहीं है, वहीं स्पोर्ट्स अकादमी के कोच और सहायक कोच के चयन में भी इसी तरह से पारदर्शिता बरती जा रही है। बच्चों के खाने के लिए मेस में हर छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाता है, यदि एक दिन भी कुछ कमी महसूस होती है, तो तत्काल उसे अगले ही दिन से सुधार लिया जाता है। प्रारंभ में सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से अकादमी में आये कई बच्चों का वजन सामान्य से कम था, लेकिन लगातार उनके खान-पान पर नजर रखा गया और अकादमी में रहने वाले सभी बच्चे पूरी तरह से सामान्य हो गये है।


झारखंड में ही ऐसा खेल परिसर

आलोक कुमार ने उम्मीद जतायी कि ओलंपिक 2024 में जेएसएसपीएस के अकादमी से कई खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इन्हें उसी लक्ष्य के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत ही नहीं, पूरे एशिया में रांची में ही ऐसा खेल परिसर विकसित किया गया है, जहां 13 इंडोर स्टेडियम व एथलेटिक्स एवं फुटबॉल स्टेडियम है।


राज्य के खिलाडियों में है विशेष योग्यताएं

उन्होंने कहा कि झारखंड में हॉकी व तीरंदाजी परंपरागत खेलों में शामिल रहा है, इसका फायदा भी मिल रहा है। वहीं झारखंड के कई पहाड़ी इलाके में रहने वाले बच्चे नीचे से पानी लेकर कई मीटर उपर अपने घर तक ले जाते है, बच्चों में इस तरह की शक्ति और क्षमता देश के सभी हिस्सों में नहीं मिलती है, यहां कई स्पर्द्धाओं के लिए बच्चों में स्वभाविक गुण मौजूद है, सिर्फ उन्हें तराशने की जरूरत है, उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। आने वाले समय में इसका सार्थक परिणाम देखने को मिलेगा, जेएसएसपीएस के बच्चे न सिर्फ राष्ट्रीय स्पर्द्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे, बल्कि ओलंपिक के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों व एशियन गेम्स में भी पदक जीतेंगे।


बजट का होगा समुचित उपयोग

जेएसएसपीएस के सीईओ ने बताया कि केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खेलगांव के इस आधारभूत संरचना का भविष्य में बेहतर इस्तेमाल को लेकर विचार-विमर्श शुरू किया, तो यहां स्पोर्ट्स अकादमी बनाने और खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने की दिशा में काम प्रारंभ हुआ। प्रारंभ के दो-तीन वर्षां में सभी खेल अकादमी शुरू नहीं हो पाने के कारण आवंटित बजट की पूरी राशि खर्च नहीं हो पायी, लेकिन इस वर्ष 34.67 करोड़ का बजट उपलब्ध कराया गया है, जिसमें से 80 प्रतिशत राशि खर्च हो जाने वाली है। जेएसएसपीएस बोर्ड की होने वाली अगली बैठक में इसका पूरा लेखा-ब्यौरा प्रस्तुत किया जाएगा।

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