सावधानी:
वैसे तो इसे कोई भी करवा सकता है। लेकिन जिनकी त्वचा की रंगत थोड़ी गहरी हो उनमें इस लेजर फेशियल से त्वचा के जलने की आशंका रहती है। जिन्हें सूरज की रोशनी से एलर्जी या एरिद्मा (किसी प्रकार की चोट, संक्रमण या सूजन के कारण त्वचा पर लाल चकत्ता बनना), ऑटोइम्यून डिजीज या अर्टिकेरिया रोग हो, उन्हें इसे करवाने की मनाही होती है। हाल ही यदि कोई संक्रमण हुआ हो वे भी इसे न करवाएं। जिन्हें किसी प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन हो उन्हें इससे त्वचा पर काले धब्बे होने की आशंका रहती है।
वैसे तो इसे कोई भी करवा सकता है। लेकिन जिनकी त्वचा की रंगत थोड़ी गहरी हो उनमें इस लेजर फेशियल से त्वचा के जलने की आशंका रहती है। जिन्हें सूरज की रोशनी से एलर्जी या एरिद्मा (किसी प्रकार की चोट, संक्रमण या सूजन के कारण त्वचा पर लाल चकत्ता बनना), ऑटोइम्यून डिजीज या अर्टिकेरिया रोग हो, उन्हें इसे करवाने की मनाही होती है। हाल ही यदि कोई संक्रमण हुआ हो वे भी इसे न करवाएं। जिन्हें किसी प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन हो उन्हें इससे त्वचा पर काले धब्बे होने की आशंका रहती है।
ध्यान रखें: 15 मिनट के इस लेजर फेशियल को कोशिश करें कि किसी डर्मेटेलॉजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन से ही करवाएं। यह तुलनात्मक रूप से ज्यादा महंगा नहीं है। इस फेशियल से ज्यादातर लोगों को त्वचा पर हल्की लालिमा और सूजन रह सकती है जिससे घबराने की जरूरत नहीं है, यह कुछ समय में ही सामान्य हो जाती है। इसे करवाने के बाद त्वचा थोड़ी संवेदनशील हो जाती है इसलिए त्वचा की प्रकृति के अनुसार व्यक्ति को कुछ घंटे या दिनों के लिए घर में ही रहने की सलाह देते हैं। ताकि सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाव हो सके। यदि बाहर निकलना भी पड़े तो विशेषज्ञ एसपीएफ सनस्क्रीन लगाने की सलाह देते हैं। ध्यान रहे कि इस फेशियल से त्वचा मेें नमी कम हो जाती है, इसके लिए मॉइश्चराइजर लगाया जा सकता है।
एक्सपर्ट : डॉ. शिरिषा सिंह, त्वचा रोग विशेषज्ञ, नई दिल्ली