5 Rising Cancer in Indian Men : भारत में कैंसर पुरुषों के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है. साल 2022 में, देश भर में करीब 6.9 लाख नए कैंसर मामले (Cancer in Indian Men) पुरुषों में पाए गए, जो एक चिंताजनक आंकड़ा है. यह दिखाता है कि पुरुषों में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसकी कई वजहें हैं, जैसे हमारी जीवनशैली में बदलाव, पर्यावरण का असर और आनुवंशिक कारण.
सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इनमें से ज्यादातर कैंसर का पता तब तक नहीं चलता जब तक वे गंभीर स्टेज पर न पहुंच जाएं. यही वजह है कि शुरुआती जांच और बचाव अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है.
आइए जानते हैं भारतीय पुरुषों को प्रभावित करने वाले टॉप 5 कैंसर (Cancer in Indian Men) के बारे में. हम इनके मुख्य जोखिम कारकों, जिन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए, और शुरुआती जांच व बचाव क्यों ज़रूरी है, इस पर बात करेंगे ताकि बेहतर नतीजे मिल सकें.
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यहां भारतीय पुरुषों में सबसे ज्यादा पाए जाने वाले 5 कैंसर (5 Rising Cancers in Indian Men) और उनसे जुड़ी जरूरी जानकारी दी गई है:
जोखिम कारक: तंबाकू (गुटखा, खैनी, बीड़ी, सिगरेट), शराब का ज़्यादा सेवन, खराब ओरल हाइजीन, HPV संक्रमण.
लक्षण: मुंह में न ठीक होने वाला छाला या घाव, निगलने में दिक्कत, जबड़े में सूजन या दर्द, आवाज़ में बदलाव.
जोखिम कारक: धूम्रपान (सिगरेट, बीड़ी), सेकंड-हैंड स्मोक, वायु प्रदूषण, एस्बेस्टस जैसे रसायनों के संपर्क में आना.
लक्षण: लगातार खांसी जो ठीक न हो, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, वज़न घटना, बलगम में खून आना.
50 से पहले ही क्यों बढ़ रहा है Cancer
जोखिम कारक: धूम्रपान, शराब का ज़्यादा सेवन, मोटापा, गर्म पेय पदार्थों का ज़्यादा सेवन, एसिड रिफ्लक्स (GERD).
लक्षण: निगलने में दर्द या दिक्कत, बिना कारण वज़न घटना, सीने में जलन, गले में कुछ फंसा हुआ महसूस होना.
जोखिम कारक: हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. pylori) संक्रमण, ज़्यादा नमकीन और प्रोसेस्ड फूड खाना, धूम्रपान, परिवार में कैंसर का इतिहास.
लक्षण: पेट में दर्द या बेचैनी, भूख कम लगना, थोड़ा खाने पर ही पेट भरा लगना, वज़न घटना, लगातार उल्टी.
जोखिम कारक: खराब जीवनशैली (कम शारीरिक गतिविधि), मोटापा, प्रोसेस्ड रेड मीट का ज़्यादा सेवन, परिवार में कोलोरेक्टल कैंसर का इतिहास, अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग.
लक्षण: मल त्याग की आदतों में बदलाव (कब्ज या दस्त), मल में खून आना, पेट में ऐंठन या गैस, बिना कारण वज़न घटना.
इन कैंसरों से लड़ने के लिए शुरुआती पहचान (Early Detection) सबसे बड़ा हथियार है. जब कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में चलता है, तो उसके ठीक होने की संभावना बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है.
क्या करें?
नियमित जांच: अगर आपके परिवार में कैंसर का इतिहास है या आपमें जोखिम कारक हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर नियमित जांच करवाएं.
लक्षणों पर ध्यान दें: ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज न करें. अगर वे कुछ समय से बने हुए हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
स्वस्थ लाइफ स्टाइल अपनाएं:
तंबाकू और शराब से दूर रहें.
संतुलित आहार लें, जिसमें फल और सब्ज़ियां ज़्यादा हों.
नियमित व्यायाम करें.
अपने वज़न को नियंत्रित रखें.
टीकाकरण: कुछ HPV संक्रमण (OralCancer) और हेपेटाइटिस B (जो लीवर कैंसर से जुड़ा है) के लिए टीकाकरण उपलब्ध हैं. अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें.
Published on:
12 Jun 2025 11:00 am