नाखून में फंगल इन्फेक्शन इन्फेक्शन के लक्षण
- नाखून का मोटा या स्थूल होना
- नाखून का बेहद नाजुक होकर अपने आप टूटने लगना
- नाखून का भुरभुरा या खुरदरा होना।
- नाखून का आकार टेढ़ा-मेढ़ा या विकृत होना।
- सफेद नाखून का पीला या भूरे रंग का या बदरंग हो जाना।
- नाखून से किसी तरह की बदबू आना।
- नाखून का स्किन से अलग होना।
- नाखून के नीचे के हिस्से में अगर पीले स्पॉट्स नजर आने लगें
- डायबिटीज में फंगल इंफेक्शन आम समस्या होती है।
- हाई कोलेस्ट्राल या ब्लड सर्कुलेशन में गड़ब़डी होना।
- आर्टिफिशयल नेल्स का बहुत ज्यादा यूज करना।।
- स्विमिंग पूल में ज्यादा रहना या नमी वाली जगहों पर बहुत ज्यादा समय बीताना
- नाखून में किसी तरह की चोट का ठीक न होना।
- बहुत ज्यादा पसीना आना और नाखूनों पर हवा न लग पाना या लंबे समय तक नाखूनों पर नमी रहना।
- एथलीट फुट जैसी बीमारी का होना।
- इम्यून सिस्टम का कमजोर होना।
- हमेशा जूता-मोजा पहने रहने।।
- नाखून छोटा रखें, साफ और सूखा रखें, ताकि उसमें नमी न रहने पाए।
- नाखूनों को धोने और साफ करने के बाद वहां पर मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं।
- हमेशा कॉटन के मोजे पहनें और पैरों में नमी रहती हो तो एंटी फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें।
- पानी से जुड़ा काम ज्यादा हो तो नाखूनों को पानी से बचाने के लिए रबर वाले ग्लव्स का इस्तेमाल करें।
- अपने नाखूनों को दांतों से बिलकुल न चबाएं।
- स्विमिंग पूल में आने के बाद नाखूनों को अच्छे साफ पानी से धो कर सुखाएं।
- मैनिक्योर या पेडिक्योर करवाते वक्त ध्यान रखें कि सैलून में इन टूल्स को सही तरीके से स्ट्रेलाइज किया गया हो।
- आर्टिफिशियल नाखून या नेल पॉलिश का कम से कम इस्तेमाल करें।
- संक्रमित नाखून को छूने के बाद हमेशा अपने हाथों को अच्छे से साबुन पानी से साफ करें।
- अपने मोजे या जूतों को किसी और के साथ शेयर करने से बचें।
- नाखूनों में अगर परेशानी नजर आए तो बीटाडीन साल्यूशन में उन्हें कुछ देर डुबो कर रखें।
- नीम की छाल या पत्तियों को पीस कर प्रभावित जगह पर लगाएं।