नासा के अनुसार अंतरिक्ष में फल, ब्राउनी, मैकरोनी, स्पेगेटी, कैंडीज, नट्स, पीनट बटर जैसी चीजें ही एस्ट्रोनॉट ज्यादा खाते हैं, क्योंकि इनकी शेल्फ लाइफ ज्यादा होती है और ये खराब न हो इसके लिए अलग से पैक किए जाते हैं।
नासा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार खाद्य पदार्थों को गर्म करने के लिए स्पेश स्टेशन में ओवन भी होता है। हालांकि, जिन खाद्य पदार्थों को रेफ्रिजरेशन की जरूरत होती है वे स्पेस स्टेशन तक नहीं पहुंच पाते क्योंकि स्पेस स्टेशन में रेफ्रिजरेटर नहीं होते है।
इन पांच चीजों को स्पेस में ले जाना मना है अमेरिका की विज्ञान और प्रौद्योगिकी संग्रहालय 'द फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट' के अनुसार स्पेस में इन 5 चीजों को ले जाना मना है।
नमक और काली मिर्च: स्पेस में नमक और काली मिर्च नहीं ले जाया जा सकता है,क्योंकि स्पेस में नमक और काली मिर्च छिड़कने से हवा में फैल कर पूरे यान में फैल सकते हैं। इससे एक खतरा है कि वे वायु मार्ग को रोक सकते हैं, उपकरण दूषित कर सकते हैं या यात्री की आंखों, मुंह या नाक में फंस सकता है। हालांकि इनके लिक्विड रूप साथ में कैरी किए जा सकते हैं।
नमक और काली मिर्च: स्पेस में नमक और काली मिर्च नहीं ले जाया जा सकता है,क्योंकि स्पेस में नमक और काली मिर्च छिड़कने से हवा में फैल कर पूरे यान में फैल सकते हैं। इससे एक खतरा है कि वे वायु मार्ग को रोक सकते हैं, उपकरण दूषित कर सकते हैं या यात्री की आंखों, मुंह या नाक में फंस सकता है। हालांकि इनके लिक्विड रूप साथ में कैरी किए जा सकते हैं।
ब्रेड, कुकीज और क्रैकर्स: ब्रेड अमून ले जाना मना तो नहीं, लेकिन इसे ले जाने से इसलिए मना किया जाता है, क्योंकि इसकी शेल्फ लाइफ कम होती है। वहीं, कुकीज़ और क्रैकर्स को लेजाने पर मनाही है। क्योंकि इसे हल्के कण स्पेस में तैर सकते हैं और संवेदनशील उपकरण में फंस सकते हैं। इनकी बजाय अंतरिक्ष यात्री अक्सर टॉर्टिला खाते हैं।
सोडायुक्त पेय: फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट के अनुसार सोडायुक्त पेय भी स्पेस में नहीं ले जाया जा सकता है। क्योंकि इनमें कार्बोनेशन अर्थ की तुलना में स्पेस में ज्यादा होती है। इससे कार्बन डाइऑक्साइड बुलबुले तरल के भीतर रहते हैं, जो कि एक गैस के रूप में रिलीज होने में विरोध करता है।
शराब : अंतरिक्ष यात्रियों के लिए शराब पर पाबंदी है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनका काम चौबीसो घंटे का होता है। ऐसे में अत्यधिक एकाग्रता की आवश्यकता होती है। आइसक्रीम: फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट के अनुसार आइसक्रीम जब पिघलती है तो उससे उपकरणों में दिक्कत आ सकती है। आइसक्रीम संवेदनशील उपकरणों में हस्तक्षेप कर सकती है और माइक्रोग्रैविटी में धूल भरा वातावरण बना सकती है।