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आयुर्वेद से: सूजन, बवासीर और बढ़ते वजन में छाछ सबसे श्रेष्ठ

Published: May 09, 2017 11:14:00 am

स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रंथ ‘चरक संहिता’ और ‘अष्टांग संग्रह’ में कई रोगों के इलाज में विभिन्न प्रकार के आहार, जड़ी-बूटियों व औषध द्रव्यों में जो सबसे श्रेष्ठ है ।

स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रंथ ‘चरक संहिता’ और ‘अष्टांग संग्रह’ में कई रोगों के इलाज में विभिन्न प्रकार के आहार, जड़ी-बूटियों व औषध द्रव्यों में जो सबसे श्रेष्ठ है उनके बारे में जानकारी दी गई है। जानते हैं इनके बारे में- 
मधुमेह में हल्दी फायदेमंद 

वाग्भट्ट के ग्रंथ ‘अष्टांग संग्रह’ के अनुसार मधुमेह में हल्दी अधिक श्रेष्ठ मानी गई है। ऐसे ही भैंस का दूध नींद लाने में श्रेष्ठ है। वात की समस्या को दूर करने के लिए तेल, पित्त को शांत करने के लिए घी व कफ दूर करने के लिए शहद उत्तम आहार माना गया है। सूजन, बवासीर व बढ़ते वजन में छाछ को सबसे अच्छा मानते हैं। साथ ही जौ पाचनक्रिया दुरुस्त कर कब्ज में राहत देता है। सही मात्रा में यूरिन न आने की स्थिति में गन्ने का रस पीना चाहि। जिस तरह नमक को अन्न में स्वाद बढ़ाने के लिए उत्तम माना है वैसे ही शरीर के किसी हिस्से से खून बह रहा हो तो उसे रोकने व सूजन दूर करने में बकरी का दूध श्रेष्ठ है। गाय का दूध व घी बढ़ते उम्र के प्रभाव को कम कर रोगों से मुक्त रखता है। 
थकावट दूर करने में स्नान उत्तम 

बुखार की स्थिति में रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है व पाचन क्रिया के धीमा होने पर ठोस आहार के बजाय दलिया-खिचड़ी खाने की सलाह देते हैं। थकावट दूर करने के लिए स्नान करना सबसे उत्तम फलदायी है। दांतों को मजबूत बनाने के लिए तेल को मुंह में थोड़ी देर रखकर हिलाना (ऑयल पुलिंग) अच्छा उपाय है। शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए पसीना आना जरूरी है। इसके लिए व्यायाम सबसे जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार भोजन शरीर को तभी लगता है जब भूख के अनुसार खाद्य पदार्थ खाए जाएं। ये पेट की अग्नि शांत कर पाचनक्षमता मजबूत करते है। 
प्रोफेसर अनूप गक्खड़, आयुर्वेद विशेषज्ञ, हरिद्वार

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