scriptफायदेमंद भी होते हैं बैक्टीरिया | Bacterias are good for health too | Patrika News
स्वास्थ्य

फायदेमंद भी होते हैं बैक्टीरिया

बैक्टीरिया’ (bacteria) का नाम सुनते ही दिमाग में कई तरह की बीमारियों (diseases) के नाम आने लगते हैं। लेकिन सच यह भी है कि बैक्टीरियाज को हम जितना बुरा समझते हैं, वे उससे कई ज्यादा अच्छे हैं। बरसों से टीवी, अखबारों के विज्ञापनों में तो इन्हें सेहत के लिए खलनायक (villain) बताया जा रहा है।

जयपुरDec 12, 2020 / 04:45 pm

जमील खान

Bacteria

Bacteria

‘बैक्टीरिया’ (bacteria) का नाम सुनते ही दिमाग में कई तरह की बीमारियों (diseases) के नाम आने लगते हैं। लेकिन सच यह भी है कि बैक्टीरियाज को हम जितना बुरा समझते हैं, वे उससे कई ज्यादा अच्छे हैं। बरसों से टीवी, अखबारों के विज्ञापनों में तो इन्हें सेहत के लिए खलनायक (villain) बताया जा रहा है। पर, सच यह है कि सभी बैक्टीरियाज खतरनाक नहीं होते, बल्कि अधिकांश बैक्टीरिया बेहद मददगार (helpful) होते हैं। वेे हमारे लिए खाना पचाते हैं, विटामिन्स (vitamins) बनाते हैं, और हमें इंफेक्शन (infection) से भी बचाते हैं।

यह सच है कि शरीर को निरोगी रखने में कुछ खास बैक्टीरियाज की जरूरत होती है। आपको जानकर हैरत होगी कि हमारे शरीर में कुल जितनी कोशिकाएं हैं, उनमें से 90 प्रतिशत तो बैक्टीरियाज की हैं, जोकि हमारी आहार नली के सही पीएच वाले पोषक वातावरण में पलते हैं। सूक्ष्मजीवों को प्रो-बायोटिक कहते हैं और जिस अपचनीय कार्बोहाइड्रेट पर वे पलते हैं, उसे प्री-बायोटिक कहते हैं। प्री-बायोटिक्स निर्जीव पदार्थ हैं, जबकि प्रो-बायोटिक्स सजीव सूक्ष्मजीव हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रो-बायोटिक वे जीवित सूक्ष्मजीव होते हैं जिसका सेवन करने पर मानव शरीर में जरूरी तत्व सुनिश्चित हो जाते हैं। ये शरीर में अच्छे जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि कर पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। शरीर में दो तरह के जीवाणु होते हैं, एक मित्र और एक शत्रु। भोजन के द्वारा यदि मित्र जीवाणुओं को भीतर लें तो वे धीरे-धीरे शरीर में उपलब्ध शत्रु जीवाणुओं को नष्ट करने में कारगर सिद्ध होते हैं। मित्र जीवाणु प्राकृतिक स्रोतों व भोजन से प्राप्त होते हैं, जैसे दूध (milk), दही (curd) और कुछ खास पौधे।

गोली दिलाएगी मोटापे से मुक्ति
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (harvard university) और मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने अच्छे बैक्टीरियाज की मदद से ऐसी प्रोबायोटिक टेबलेट (probiotic tablet) बनाई है, जो वजन कम करने में मददगार होगी। इस दवा में भारी संख्या में अच्छे बैक्टीरिया मौजूद हैं, जो मोटापे (fat) के खिलाफ लड़ते हैं। शोधकर्ताओं ने गैस्ट्रिक बाइपास सर्जरी के मरीजों से प्रेरित होकर यह दवा बनाई है। इस ऑपरेशन के बाद पेट में मौजूद बैक्टीरियाज की संरचना में बदलाव आते हैं। वे भूख को शांत करने और खाने की इच्छा को पैदा होने से रोकते हैं। इससे बेवजह खाने पर नियंत्रण बना रहता है और हर दिन चढ़ती चर्बी के कारण बढ़ते वजन में कमी आती है।

कैसे बढ़ाएं अच्छे बैक्टीरिया

अच्छा खान-पान
जैसा कि आयुर्वेद कहता है- दही, दही से बनी चीजें, छाछ, मोटा अनाज, दालें और फाइबर्स वाले फल-सब्जियां, शाकाहारी और सात्विक कहलाने वाले व्यंजन। बासी खाना, अम्लीय, तला-गला और मसालेदार खाना, मांसाहार और तामसिक कहलाने वाले आहार से परहेज करें।

अच्छी दिनचर्या
जैसा कि हमारे सभी परंपराओं और जीवनशैली (lifestyle) में सिफारिश की जाती है – जल्दी उठने की आदत, योग, प्राणायाम और व्यायाम, स्वच्छता से जुड़ी अच्छी आदतें और सही समय पर खाने, पीने और सोना अच्छे बैक्टीरिया की वृद्धि के लिए वातावरण तैयार करती हैं।

अच्छा व्यवहार
जैसा कि हमारी सभ्यता और संस्कृति सिखाती है-शरीर के अंदर निवास करने वाले अरबों सूक्ष्म जीव आपके व्यवहार से भी प्रभावित होते हैं। हमारे व्यवहार को हार्मोन नियंत्रित करते हैं और हार्मोन को मस्तिष्क। मस्तिष्क हमारे ज्ञान, आदतों और व्यवहार के अनुसार कार्य करता है। ऐसे में सकारात्मक विचार और नियम-संयम वाला व्यवहार आपके साथ आपके अंदर निवास करने वाले जीवों के लिए भी अनुकूल होगा।

छोटे बैक्टीरियाज के बड़े फायदे

पाचन और पोषण में लाभदायक हैं बैक्टीरिया
लैक्टोबेसिलस श्रेणी के प्रोबायोटिक्स पेट के लिए वरदान हैं। इनके बिना पाचन और पाचन तंत्र अधूरा है। जीवधारियों के शरीर में भोजन को शरीर में अवशोषित करने और पोषण चक्र की अंतिम कड़ी तक बैक्टीरिया सक्रिय रहते हैं। इसीलिए लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवा देने के बाद डॉक्टर रोगी को प्रोबायोटिक लेने की सलाह देते हैं।

कायाकल्प और जवां दिखनेे में
इलैक्टोबेसिली और बाइफिडो बैक्टीरिया शरीर में एंटीऑक्सीडेंट (antioxident) की भूमिका निभाते हैं। बुढ़ापे की सबसे प्रमुख वजह है ऐसे मुक्त कण, जो तमाम मेटाबॉलिक प्रक्रियाओं, हानिकारक तत्वों और दिनचर्या की वजह से पैदा होते हैं। अच्छे बैक्टीरिया हानिकारक फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने की अद्भुत शक्तिरखते हैं।

एलर्जी और टॉक्सिक इफेक्ट्स कम करने मेंं
ओसाका यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसीन के अनुसार नाक और साइनस से संबंधित एलर्जी में प्रोबायोटिक्स बेहद कारगर होते हैं। लैक्टोबेसिलस कैसेइ, लैक्टोबेसिलस पैराकैसेइ, लैक्टोबेसिलस ऐसिडोफिलस और बायफिडोबैक्टेरियम लोंगम जैसे अच्छे बैक्टीरिया जहरीले प्रभावों से मुकाबले में मददगार होते हैं।

वायरस से मुकाबला करने में मददगार
इटली की स्पेनजा यूनिवर्सिटी के शोधकर्मियों ने प्रोबॉयोटिक बैक्टीरिया में वायरसों के मुकाबले की शक्ति खोज निकाली है। एनअरोबी जर्नल में प्रकाशित उनके शोध के अनुसार लैक्टोबेसिलस ब्रेवी जैसे बैक्टीरिया हर्पीज जैसे वायरसों का मुकाबला करते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधकता क्षमता को बढ़ाकर शरीर को स्वस्थ रखते हैं।

मां के अमृत दूध के लिए फायदेमंद
यूनिवर्सिटी ऑफ तुरकू के वैज्ञानिकों के अनुसार यदि गर्भवती महिलाओं को प्रोबायोटिक्स से भरपूर खुराक मिले तो दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों बढ़ सकती है। इस शोध में सुझाया गया कि, गर्भवती महिलाओं को लैक्टोबेसिलस रैम्नोसस और बायफिडोबैक्टीरियम लैक्टिस जैसे अच्छे बैक्टीरिया से भरपूर खुराक लेनी चाहिए।

मोटापा और वजन कम की क्षमता भी है
इंटर्नल एंड इमरजेंसी जर्नल के अनुसार अच्छे बैक्टीरिया शरीर के बैक्टीरियल फ्लोरा में संतुलन बनाए रखते हैं। मोटापा और वजन बढऩे के पीछे पेट की सबसे बड़ी भूमिका होती है। ऐसे में खाने को पचाने के लिए अच्छे बैक्टीरिया की संख्या अच्छी होती है तो उससे हानिकारक जीवाणुओं के प्रसार पर नियंत्रण भी संभव होता है।

Home / Health / फायदेमंद भी होते हैं बैक्टीरिया

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो