scriptBinge-Watching: घंटो बिंजे वाचिंग से डेड बट्ट सिंड्रोम, मोटापा बढ़ रहा, वक़्त से पहले हो रहे बूढ़े | Binge-Watching Is Unhealthy: Research Used 3-D Models To Explain How | Patrika News

Binge-Watching: घंटो बिंजे वाचिंग से डेड बट्ट सिंड्रोम, मोटापा बढ़ रहा, वक़्त से पहले हो रहे बूढ़े

locationजयपुरPublished: Aug 15, 2020 05:34:28 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

हाल ही हुए इस शोध में कहा गया है कि ओटीटी प्लेटफॉम्र्स हमारी सेहत खराब कर रहे हैं। शोध के निष्कर्षों को शोधकर्ताओं ने ३डी मॉडल के जरिए समझाया भी है। आइए जानते हैं कैसे मनोरंजन ही हमारी सेहत को ग्रहण लगाने का काम कर रहा है।

Binge-Watching: घंटो बिंजे वाचिंग से डेड बट्ट सिंड्रोम, मोटापा बढ़ रहा, वक़्त से पहले हो रहे बूढ़े

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कोरोनावायरस का सामना कर रही दुनिया के लिए लॉकडाउन और थियेटर्स के बंद होने के दौरान ओटीटी प्लेटफॉम्र्स (OTT Platforms) का ही सहारा था। इस दौरान ऑनलाइन शो और मूवीज (Online web show and Movies) देखने में 200 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इतना ही नहीं भारतीय ओटीटी प्लेटफॉर्म के अलावा विदेश के ऑरिजनल शो भी खूब पसंद किए गए। इनमें नेटफ्लिक्स (Netflix), अमेजऩ प्राइम (amazon prime), डिजऩी प्लस (disney plus), हॉटस्टार (hot star) जैसे डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉम्र्स शीर्ष एंटरटेनमेंट सोर्स बनकर उभरे हैं। लेकिन अब चिकित्साकर्मी मनोरंजन के इन छोटे पर्दे पर ही सवाल उठाने लगे हैं। दरअसल उनका कहना है कि घर पर डिजिटल माध्यम के जरिए फिल्मेंऔर web series देखना स्वास्थ्य के लिए लिहाज से बहुत हनिकारक है। ऑनलाइन शो इदेखते हुए हम टीवी की तरह लैपटॉप और कमप्यूटर या स्मार्ट टीवी के आगे भी लगातार बैठे रहते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।
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वीकेंड्स बिंजे-वॉचिंग तक सिमटे
ऐसा नहीं है कि यह महामारी या लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम के दौरान ही है। इससे पहले भी भारत में इन डिजिटल थियेटर्स की शुरुआत होने पर इनकी लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ता चला गया। इतना कि हम अपने वीकेंड्स और छुट्टियों को भी बिंजे-वॉचिंग के इर्द-गिर्द ही बनाने लगे हैं। जब भी कोई नया सीजन या कोई लोकप्रिय वेब शो किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर टेलेकास्ट होता है, हमारी शारीरिक सक्रियता सोफे और स्क्रीन तक ही सीमित हो जाती है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले नेटफ्लिक्स के ही दुनिया भर में इस समय करीब 18.2 करोड़ ग्राहक हैं। इतना ही नहीं नेटफ्लिक्स ने इस साल की पहली तिमाही में 15.77 करोड़ के पेड स्ट्रीमिंग ग्राहकों को जोड़ा है।

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3D मॉडल्स से जांच रहे प्रभाव
शोधकर्ता अब प्रतिदिन बिंजे-वॉचिंग पर बिताये जाने होने वाले घंटों और उसका हमारी सेहत पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों को दिखाने के लिए 3D मॉडल्स का उपयोग कर रहे हैं। इन दोनों ३डी मॉडल्स को शोधकर्ताओं ने ‘एरिक’ और ‘हन्ना’ नाम दिया है जो बताते हैं कि अगर हम अपनी आदतों को नहीं सुधारेंगे तो निकट भविष्य में हमारे शरीर पर बिंजे-वॉचिंग के क्या प्रभाव हो सकते हैं। ऑनलाइन गैम्बलिंग डॉट कॉम (onlinegambling.com) की ओर से किए जा रहे इस शोध में विशेष रूप से नेटफ्लिक्स (netflix) को चुना गया है।

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समय से पहले बूढ़े और बीमार हो रहे बिंजर्स
शोधकर्ताओं ने अपने शोध के हवाले से दावा किया है कि बिंजे-वॉचर्स में लगातार शो देखने के कारण ग्लुटील एम्नेसिया (Dead Butt Syndrome)), खराब मनोदशा (Bad Mood), मधुमेह बढ़ जाने के कारण अंगों के गल जाने का खतरा, मोटापा, खराब मुद्रा और गोल-मटोल कंधे की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं बहुत ज्यादा बिंजे वॉचिंग से काले धब्बों के साथ त्वचा का पीला पड़ जाना, समय से पहले बुढ़ापा (Pre-mature Aging)), मोटापा और आंखों में रक्त की पर्याप्त मात्रा में कमी (Blood Shot Eyes with Dark Patches), का कारण भी बनता है। बिगड़ते स्वास्थ्य के ये लक्षण स्त्री-पुरुषों में एक समान रूप से नजर आते हैं। बिंजे-वॉचिंग सिर्फ सेहत ही खराब नहीं कर रहा बल्कि इसकी लत के कारण गतिहीन जीवन शैली, व्यायाम की कमी और असंतुलित आहार इसे और बदतर बना देता है।

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पहले भी चेता चुके हैं वैज्ञानिक
हालांकि, यह कोई पहला या एकमात्र ऐसा शोध नहीं है जिसने बिंजे-वॉचिंग (Binge-Watching) के स्वास्थ्य संबंधी खतरनाक परिणामों की ओर इशारा किया है। जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल स्लीप मेडिसिन में साल 2017 में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के अनुसार, खराब नींद, गहरी नींद न आना, बढ़ती थकान और अनिद्रा के लक्षणों में वृद्धि भी बिंजे-वॉचिंग के स्वास्थ्य संबंधी खतरनाक दुष्परिणाम हो सकते हैं।

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घर रहना सिर्फ बिंजे-वॉचिंग नहीं
कोरोना महामारी से सुरक्षित रहने के लिए हमें घर पर रहना आवश्यक है। लेकिन घर पर रहने का यह मतलब कतई नहीं है कि हम इस नई जीवनशैली के अनुसार खुद को ढालने का मतलब सोफे पर बैठकर गहरे अंधेरे कमरे या ड्रॉइंगरूम में सिर्फ वेब सीरीज ही देखते रहें। बिंजे-वॉचिंग जीवन शैली नहीं हो सकती है। वैक्सीन (corona vaccine) बनने तक हम में से ज्यादातर घर से ही काम करेंगे। तो क्या इसका मतलब है कि हम अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करें? यदि ऐसी जीवनशैली रही तो हम ज्यादा दिन तक खुद को गंभीर बीमारियों के चंगुल में आने से बचा नहीं पाएंगे। यह समय सुरक्षात्मक जीवनशैली अपनाते हुए स्वस्थ रहने के लिए अपना ध्यान केंद्रित करने का है।

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