ब्लड ग्रुप चार प्रकार के होते हैं ए, बी, एबी और ओ। आप अपने ब्लड ग्रुप के हिसाब से अपने डाइट का चयन कर सकते हैं। ब्लड ग्रुप के अनुसार आहार का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं हमलोगों को ब्लड ग्रुप के अनुसार डाइट लेना क्यूं आवश्यक है और किस प्रकार का आहार लेने की जरुरत होती है।
हाल में आई किताब ‘ईट राइट फॉर योर टाइप’ के लेखक हैं डॉ. एडेमो के अनुसार ब्लड ग्रुप के हिसाब से डाइट पर गहन शोध के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि सभी तरह के व्यंजनों में लेक्टिंस होते हैं। दरअसल, लेक्टिंस एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो हर तरह के भोजन में पाया जाता है। उनके अनुसार अलग-अलग ब्लड ग्रुप के लोगों का खून भोजन वाले इन प्रोटीन के प्रति अलग तरह से रिएक्ट करता है। जिसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है। इसलिए उन्होंने ब्लड टाइप डाइट पर ज्यादा ध्यान दिया है।
वैसे ब्लड टाइप डाइट वजन घटाने की डाइट नहीं है, बल्कि इससे सेहत अच्छी रहती है। लेक्टिंस चिपकने वाले प्रोटीन होते हैं। ऐसे लेक्टिंस जो ब्लड टाइप के साथ मेल नहीं खाते वह शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। भोजन से आने वाले कई लेक्टिंस हानिकारक नहीं होते हैं, लेकिन थोड़ा बहुत असर होता है। अगर ये लेक्टिंस ब्लड ग्रुप के साथ मेल नहीं खाता, तो शरीर में जलन, सूजन हो सकती है।
जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ओ होता है उन्हें अपनी डाइट में प्रोटीन का अधिक सेवन करना चाहिए। आप इसके मीट, मछली, सब्जियां और फल का सेवन कर सकते हैं। लेकिन अनाज, बीन्स और फलियों का सेवन संतुलित मात्रा में करें, तो आपकी सेहत ठीक रहेगी।
ए ब्लड ग्रुप वाले को शाकाहारी भोजन पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है। ऐसे लोग सब्जियां, सीफूड, फलियां, अनाज, बीन्स और फल को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। ये सारे खाद्य पदार्थ आपकी सेहतमंद रखेंगे।
3. बी ब्लड ग्रुप डाइट
बी ब्लड ग्रुप वाले लोग अपने आहार में किसी प्रकार के भोजन खा सकते हैं। बस आपको एक बात का ध्यान रखना होता है कि ऐसे लोगों को शाकाहार और मांसाहार संतुलित मात्रा में लेना चाहिए। मीट, डेयरी प्रोडक्ट, अनाज, फलियां, सब्जियां और फल इनके लिए फायदेमंद होते हैं। संतुलित भोजन के साथ नियमित व्यायाम भी जरूरी है।
जो भोजन ए और बी ब्लड टाइप वालों के लिए खराब होता है, वह एबी वालों के लिए भी नुकसानदेह है।`ए’ ब्लड टाइप वालों की तरह एबी ब्लड टाइप वालों के पेट में खाना पचाने वाले हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की कमी होती है। इस कारण से उन्हें मुर्गा और रेड मीट खाने से बचने की सलाह दी जाती है।